बिहार की राजधानी पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय के शर्मा के निर्देश पर शहर में महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए गठित “शक्ति सुरक्षा दल” ने जमीनी स्तर पर परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है।
पटना पुलिस की तरफ से गठित यह विशेष इकाई स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों के बाहर सक्रिय रूप से तैनात है। यह इकाई युवतियों से सीधे संपर्क करती है और उनकी शिकायतों का तुरंत समाधान करती है।
नगर पुलिस अधीक्षक (मध्य) दीक्षा ने बताया कि पटना के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों के लिए दो समर्पित टीमें गठित की गई हैं।
नवंबर के आंकड़ों के अनुसार इस साल नवंबर में 1,909 महिलाओं और लड़कियों ने उत्पीड़न, पीछा करने, ब्लैकमेल करने और आपातकालीन सहायता के अनुरोध सहित कई मुद्दों पर इकाई से संपर्क किया।
इस दौरान 65 मामलों में परामर्श दिया गया, 45 शिकायतों की जांच की गई और उन पर कार्रवाई की गई, और 23 गंभीर मामलों को कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस थानों को भेज दिया गया।
एसपी दीक्षा ने एक ऐसे मामले पर प्रकाश डाला, जिसमें एक युवती की निजी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके उन्हें इंस्टाग्राम पर प्रसारित किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि शक्ति सुरक्षा दल ने तुरंत हस्तक्षेप किया, पीड़िता से बात की और आरोपी से पूछताछ की। इस क्रम में दल ने कानूनी कार्रवाई शुरू की, जिससे पीड़िता को काफी राहत मिली।
उन्होंने आगे कहा कि अधिक सुलभ और छात्र-अनुकूल पुलिसिंग वातावरण सुनिश्चित करने के लिए टीम में इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर और महिला कांस्टेबल शामिल हैं। इनका काम स्कूल और कॉलेज के समय में गश्त करना है।
एसपी ने कहा कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में यूनिट को अक्सर सादे कपड़ों में तैनात किया जाता है, जिससे युवतियां खुलकर अपनी बात कह पाती हैं और पुलिस अपराधियों को बिना किसी तैयारी के पकड़ पाती है।
पटना पुलिस ने महिलाओं और लड़कियों से बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी समस्याएं साझा करने का आग्रह किया है और आश्वासन दिया है कि उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
सहायता के लिए दो मोबाइल नंबर—9296598170 और 9296580210—भी जारी किए गए हैं।


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