N1Live National रोजगार के अभाव में बिहारी छात्रों को अपमान का सामना करना पड़ता है: तारिक अनवर
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रोजगार के अभाव में बिहारी छात्रों को अपमान का सामना करना पड़ता है: तारिक अनवर

Bihari students have to face humiliation due to lack of employment: Tariq Anwar

नई दिल्ली, 27 सितंबर । पश्चिम बंगाल में परीक्षा देने गए छात्रों की पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में छात्र खुद को बिहार का बता रहे हैं और बदसलूकी करने वाला व्यक्ति बांग्ला बोल रहा है। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने शुक्रवार को इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरे राज्यों में बिहारी छात्रों की पिटाई की यह घटना निंदनीय है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार के लोगों के साथ कुछ न कुछ होता रहता है, चाहे वह महाराष्ट्र में हो, या अन्य राज्यों में हो, वे जहां भी जाते हैं, वहां ऐसा होता है। अब बंगाल से यह खबर आई है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई है कि बिहार में लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं और वे लाचारी की स्थिति में, भय और दुख का सामना कर रहे हैं। कभी इस राज्य में, कभी उस राज्य में, कभी इस शहर में, कभी उस शहर में। जो भी स्थिति हो, उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है।

कर्नाटक में सिद्दारमैया पर भाजपा के आरोप को लेकर कांग्रेस सांसद ने कहा कि जहां भी कांग्रेस की सरकार बनती है, पहले दिन से ही बीजेपी इस पर काम करना शुरू कर देती है कि उसे कैसे अस्थिर किया जाए, कैसे सरकार को गिराया जाए और कैसे पिछले दरवाजे से सरकार बनाई जाए? ये उसी का नमूना है क्योंकि पूरी साजिश रची गई है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इस साजिश का कोर्ट के साथ-साथ सड़क पर भी मुकाबला करेगी।

तारिक अनवर से आईएएनएस ने सवाल किया कि मुस्लिम राष्ट्र जो पहले जम्मू-कश्मीर के बारे में बेबुनियाद बातें करते थे, अब भाजपा के सत्ता में आने के बाद ऐसी अनर्गल टिप्पणियां नहीं करते, इस पर आप क्या कहेंगे?

इस पर उन्होंने कहा कि देखिए ऐसा नहीं है, ईरान ने अभी ऐसा कहा है जिस तरह से कहा है यह ठीक नहीं है। वैसे तो यह हमारा आंतरिक मामला है, लेकिन अभी भी बाहर मानवाधिकार पर काम करने वाले लोगों ने टिप्पणियां की हैं, अखबारों में छपता है, लेख छपते हैं, यह सब होता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत में मुस्लिम समुदाय, खासकर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का व्यवहार किया जाता है।

इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज भारतीय जनता पार्टी का एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है, एक भी मंत्री मुस्लिम नहीं है, क्या ऐसा नहीं लगता है कि वे भेदभावपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं?

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