पटना, बिहार में सरकारी स्कूलों में की गई छुट्टी कटौती का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बिहार में विपक्ष के बाद अब शिक्षक संघ ने भी विभाग के आदेश के विरोध में मोर्चा खोलने की घोषणा कर दी है।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों की छुट्टियों में कटौती कर दी है, जिसके बाद से शिक्षक आक्रोशित हैं। इस बीच, गुरुवार को प्रदेश के सरकारी स्कूल भले खुले रहे, शिक्षक उपस्थित रहे, लेकिन छात्रों की उपस्थिति एक दम नहीं के बराबर दिखी।
शिक्षकों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व है, ऐसे में बच्चे स्कूल क्यों आयेंगे। शिक्षकों का कहना है कि उनकी तो नौकरी है। हालांकि, शिक्षकों का मानना है कि यह आदेश वापस लिया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अभी से दिसंबर तक विभिन्न पर्व त्योहारों पर स्कूलों में 23 छुट्टियां थी, जिसे घटाकर 11 रहने दी गई है। इस आदेश के बाद शिक्षक संघों ने भी नाराजगी जाहिर की है।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि रक्षाबंधन के लिए 31 अगस्त को अधिसूचित अवकाश रद्द कर नियमों का उल्लंघन किया गया है।
दूसरी तरफ कई जिलों में सरकार के आदेश की कॉपी भी जलाने की सूचना है। शिक्षक भी इस आदेश को लेकर आक्रोशित हैं। बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि सरकार का तानाशाही रवैया अब बर्दाश्त करने लायक नहीं है। इसे जबरदस्ती शिक्षकों पर थोपा जा रहा है।
सबसे पहले सरकार ने कहा कि शिक्षक बोरा बेचेंगे। अब छुट्टी में कटौती कर दी गई।
इधर, बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षक सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मूड बना रहे हैं। बताया जाता है कि शिक्षक संघों ने आंदोलन को लेकर बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति का फैसला लिया जाएगा।
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