फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने भारत की स्वदेशी रक्षा उद्योग की बढ़ती क्षमताओं और विस्तार की सराहना की। उन्होंने ब्रह्मोस परियोजना को भारत-फिलीपींस रक्षा सहयोग का प्रमुख उदाहरण बताया।
राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा कि फिलीपींस अपनी रक्षा आधुनिकीकरण को गति देने में भारत को एक प्रमुख साझेदार मानता है और दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को मुक्त और समावेशी बनाए रखने के लिए सहयोग को तैयार हैं।
संयुक्त प्रेस वक्तव्य में उन्होंने बताया, “हमने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है। हमारी सेनाओं के बीच जानकारी साझा करने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए सेवा-से-सेवा संवाद तंत्र स्थापित करने पर भी सहमति बनी है।”
उन्होंने कहा कि दोनों देश नौसेना और तटरक्षक बल के बीच सहयोग, बंदरगाह भ्रमण और समुद्री क्षेत्र में क्षमता निर्माण जैसे प्रयासों को तेज करेंगे।
राष्ट्रपति मार्कोस ने बताया कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय वरीयता व्यापार समझौते को शीघ्रता से अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “हमारे नवाचारशील और तेजी से बढ़ते निजी उद्यम तकनीकी स्थानांतरण, नवाचार, कौशल विकास और रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएंगे।”
राष्ट्रपति मार्कोस ने 2024 में हूती विद्रोहियों के हमले के बाद भारतीय नौसेना द्वारा फिलीपींस नागरिकों को बचाए जाने पर आभार जताया। साथ ही 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता प्रकट की।
उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ व्यापक लड़ाई में साझेदार हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में बढ़ते कदमों के लिए भी मैं बधाई देता हूं।”
राष्ट्रपति ने बताया कि अब भारत, फिलीपींस का पांचवां रणनीतिक साझेदार बन गया है। उन्होंने कहा, “यह हमारे संबंधों में एक नया युग है। हमारे साझा हितों, क्षेत्रीय स्थिरता, समुद्री सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती, खाद्य सुरक्षा और आतंकवाद जैसे पारंपरिक व अप्राकृतिक खतरों से निपटने में हम मिलकर काम करेंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत और फिलीपींस ने संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून और 2016 के दक्षिण चीन सागर पर अंतरराष्ट्रीय पंचाट के निर्णय के पालन जैसे मुद्दों पर भी एक-दूसरे का समर्थन किया है।
राष्ट्रपति मार्कोस ने अपने संबोधन के अंत में कहा, “मैं भारत और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। आज हमारा रिश्ता एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है।”
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