हरियाणा विधानसभा ने आज हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरर्स एवं गेस्ट लेक्चरर्स (सेवा सुरक्षा) विधेयक 2024 पारित कर दिया, जिससे सरकारी कॉलेजों के 2,016 एक्सटेंशन लेक्चरर्स और 46 गेस्ट लेक्चरर्स को लाभ मिलेगा और वे सेवानिवृत्ति की आयु तक काम करते रहेंगे।
जिन लोगों ने 15 अगस्त 2024 तक कम से कम पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, वे इसके पात्र हैं।
एक्सटेंशन लेक्चरर की नियुक्ति 2010 में शुरू हुई थी, जब उन्हें प्रति पीरियड 200 रुपये का भुगतान किया जाता था। 2014 से पहले नियुक्त अतिथि व्याख्याताओं को 16 जून 2014 की नियमितीकरण नीति के तहत नियमित नहीं किया गया।
पिछले कुछ सालों में उनके पारिश्रमिक और अन्य शर्तों में बदलाव किए गए हैं। पात्र एक्सटेंशन और अतिथि व्याख्याताओं को अभी तक 57,700 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जा रहा है। विधेयक के पारित होने के बाद उन्हें 57,700 रुपये और महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
विधेयक पर बोलते हुए रोहतक से कांग्रेस के विधायक बीबी बत्रा ने कहा, “नियमित नियुक्तियां क्यों नहीं की गईं? इन शिक्षकों (विस्तार और अतिथि व्याख्याताओं) को बिना विज्ञापन और स्क्रीनिंग के नियुक्त किया गया था। आप सिस्टम की विफलता की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालयों में अनुबंधित शिक्षकों का क्या अपराध है? उन्हें उचित प्रक्रिया के तहत चुना गया है। सरकार उन्हें वेतन देती है। विश्वविद्यालयों में ऐसे 1,500 शिक्षक होने चाहिए। उन्हें भी इसी तरह रखा गया है।”
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने तर्क दिया, “आपको एचपीएससी, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की आवश्यकता क्यों है? इन भर्तियों में कोई आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया है।”
विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे कांग्रेस की गलतियों को सुधार रहे हैं और इन व्याख्याताओं को निष्कासित नहीं होने देंगे। लेकिन बाद में उन्होंने जवाब दिया, “हम संविदा पर काम करने वाले विश्वविद्यालय शिक्षकों को नियमित करने के बारे में सोचेंगे।”