मुंबई, 23 अक्टूबर, । इस दुनिया में सबसे कठिन काम कुछ है, तो वह किसी के जख्मों पर मरहम लगाना, गुदगुदाना और किसी रोते को हंसाना है। यह काम करने वाले कमाल के जादूगर थे शानदार अभिनेता देवेन वर्मा। 23 अक्टूबर 1937 को जन्में देवेन वर्मा भले आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी गुदगुदाहट आज भी जिंदा है।
देवेन वर्मा हिंदी फिल्मों के बेहद लोकप्रिय कॉमेडियन और अभिनेता थे। उनका जन्म बलदेव सिंह वर्मा और सरला देवी के घर हुआ था। उनके पिता राजस्थानी और मां गुजराती थी। पर्दे पर शानदार एक्टिंग, हंसाना हो या फिर अपना जादू छोड़ना, वह किसी में भी पीछे नहीं हटते थे। एक शानदार अभिनेता होने के साथ ही वह फिल्म निर्माता भी थे। देवेन वर्मा ने अंगूर में काम किया, जो 1982 में आई थी। वह 1979 में आई फिल्म गोलमाल, खट्टा मीठा, नास्तिक, के साथ रंग बिरंगी, अंदाज अपना-अपना के साथ दिल तो पागल है में भी नजर आए थे।
देवेन वर्मा की पहचान कॉमेडी फिल्मों के लिए खास तौर पर बनी हुई थी। आज भी दर्शक उनकी पुरानी फिल्मों को देखकर काफी पसंद करते हैं और कॉमेडी देखकर हंसने पर मजबूर हो जाते हैं। देवेन वर्मा विशेष रूप से बासु चटर्जी, ऋषिकेश मुखर्जी और गुलजार जैसे बॉलीवुड निर्देशकों के साथ अपनी कॉमेडी भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे। इनके साथ दर्शक उन्हें पर्दे पर खासा पसंद करते थे।
देवेन वर्मा ने बेशरम सहित कई फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया था। उन्होंने चोरी मेरा काम, चोर के घर चोर और अंगूर के लिए फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडी एक्टर का अवॉर्ड भी अपने नाम किया था। देवेन वर्मा ने नौरोजी वाडिया कॉलेज फॉर आर्ट्स एंड साइंस से पॉलिटिक्स और सोशियोलॉजी ऑनर्स के साथ स्नातक की पढ़ाई की थी। उन्होंने रूपा गांगुली से शादी की, जो दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता अशोक कुमार की बेटी थीं। देवेन वर्मा का असली नाम देवेंदु वर्मा था, जिसे उन्होंने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान बदलकर देवेन रख लिया था। हिंदी फिल्मों के अलावा वर्मा ने कुछ मराठी और भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया। 2 दिसंबर 2014 को पुणे में दिल का दौरा पड़ने और किडनी फेल होने के कारण उनका निधन हो गया।
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