July 11, 2025
Entertainment

बर्थडे स्पेशल : रातोंरात स्टारडम से गुमनामी की राह तक, कुछ ऐसी रही कुमार गौरव की अभिनय यात्रा

Birthday Special: From overnight stardom to obscurity, this was Kumar Gaurav’s acting journey

फिल्म इंडस्ट्री की चकाचौंध भरी दुनिया में एक ऐसा सितारा हुआ, जिसने रातोंरात आसमान छू लिया, लेकिन समय के साथ उनकी चमक धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगी। कुमार गौरव वो नाम है, जिन्होंने साल 1981 में ‘लव स्टोरी’ से बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री की थी।

11 जुलाई को 67वां जन्मदिन मना रहे कुमार गौरव की कहानी उतार-चढ़ाव, संघर्ष, सफलता और असफलता से भरी पड़ी है। एक समय में लाखों दिलों की धड़कन रहे इस एक्टर की जिंदगी आज सिल्वर स्क्रीन से कोसों दूर है, लेकिन उनकी कहानी आज भी प्रेरणा देती है।

साल 1980 के दशक में जब बॉलीवुड में रोमांटिक कहानियों का दौर था, तब राहुल रवैल की फिल्म ‘लव स्टोरी’ ने युवाओं के दिलों में हलचल मचा दी। इस फिल्म में कुमार गौरव और विजयता पंडित की नई नवेली जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कुमार गौरव ने अपने हैंडसम लुक, मासूमियत और शानदार अभिनय से तहलका मचा दिया। उनके पिता मशहूर अभिनेता और निर्माता राजेंद्र कुमार थे।

गौरव की ‘लव स्टोरी’ बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई और गौरव रातोंरात स्टार बन गए। उनकी सादगी और स्क्रीन पर सहजता ने उन्हें उस दौर के सबसे पसंदीदा सितारों में से एक बना दिया। ‘लव स्टोरी’ की बड़ी सफलता के बाद कुमार गौरव के पास फिल्मों के ऑफर की भरमार लग गई। उनकी अगली फिल्म ‘तेरी कसम’ (1982) में भी उनकी एक्टिंग को सराहा गया, हालांकि यह फिल्म ‘लव स्टोरी’ जितनी सफल नहीं हो पाई। इसके बाद ‘लवर्स’, ‘फूल’ और ‘नाम’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी एक्टिंग का जादू बिखेरा। खासकर ‘नाम’ (1986) में उनके किरदार को दर्शकों और समीक्षकों ने खूब पसंद किया। इस फिल्म में उनके साथ संजय दत्त जैसे एक्टर थे और गौरव ने अपनी मौजूदगी से साबित किया कि वह केवल स्टार किड नहीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली कलाकार भी हैं।

‘लव स्टोरी’ की कामयाबी के बाद कुमार गौरव की लोकप्रियता चरम पर थी। वह उस समय के सबसे अधिक मांग वाले एक्टर्स में से एक थे। लेकिन, उन्हें लेकर ऐसी खबरें सामने आने लगी कि वह अहंकार में आ गए और कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार गौरव ने छोटी एक्ट्रेसेज के साथ काम करने से इनकार कर दिया, जिससे उनकी फिल्मों की संख्या कम होने लगी। उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं। उनका स्टारडम धीरे-धीरे कम होने लगा।

साल 1993 में पिता राजेंद्र कुमार ने उनके करियर को दोबारा चमकाने के लिए फिल्म ‘फूल’ का निर्माण किया, जिसमें गौरव लीड रोल में थे। लेकिन, यह फिल्म भी दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में नाकाम रही। इसके बाद गौरव ने फिल्म इंडस्ट्री से लंबा ब्रेक लिया। 1996 में वह ‘मुट्ठी भर जमीन’ और ‘सौतेला भाई’ में नजर आए, लेकिन ये फिल्में भी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं। उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म ‘कांटे’ (2002) थी, जिसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन और संजय दत्त जैसे सितारों के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था।

गौरव एक्टिंग की ग्लैमरस लाइफ को पीछे छोड़ चुके हैं और अब परिवार के साथ सादगी भरी लाइफ स्पेंड कर रहे हैं।

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