नई दिल्ली, भारत की स्टार क्रिकेटर दीप्ति शर्मा आज (24 अगस्त) अपना 27वां जन्मदिन मना रही है। उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली ये धाकड़ ऑलराउंडर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा कई टी20 लीग में भी खेलती है और अपने आक्रामक अंदाज के लिए मशहूर है।
मांकडिंग को लेकर उठा बवाल हो या विरोधी खिलाड़ियों की स्लेजिंग, दीप्ति कई बार सुर्खियों में रहीं। क्रिकेटर बनना इस खिलाड़ी की पहली पसंद नहीं थी। लेकिन महिला प्रीमियर लीग में हैट्रिक लेने की बात हो या फिर द हंड्रेड में अपनी टीम को चैंपियन बनाना, हर जगह इस युवा स्टार ने अपनी काबिलियत साबित किया है।
इस स्टार भारतीय क्रिकेटर का पूरा नाम दीप्ति भगवान शर्मा है और प्यार से उन्हें लोग दीपू बुलाते हैं। उनका जन्म 24 अगस्त 1997 को उत्तर प्रदेश के एक मध्यम वर्ग परिवार में हुआ था। वह एक ऑलराउंडर हैं जो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करती हैं और दाएं हाथ से ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करती हैं। आईसीसी क्रिकेट रैंकिंग में शीर्ष ऑलराउंडरों में इस युवा क्रिकेटर का शुमार है।
मैदान पर जितनी शानदार दीप्ति की गेंदबाजी है उतनी ही दिलचस्प उनके क्रिकेटर बनने की कहानी है, साथ ही वो एक हनुमान भक्त भी हैं। ये युवा खिलाड़ी पहली बार 8 साल की उम्र में अपने भाई सुमित शर्मा के साथ ऐसे ही स्टेडियम पहुंच गई थीं।
दीप्ति के पास जब गेंद पहुंची, तो उन्होंने गेंद सीधे विकेट की ओर फेंक दी। दीप्ति का थ्रो देखकर उस समय स्टेडियम में महिला क्रिकेटर्स को प्रैक्टिस करा रहीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य हेमलता काला दंग रह गईं।
हेमलता ने सुमित शर्मा को बुलाकर बहन का नाम पूछा और कहा कि इस बच्ची को कल से ही क्रिकेट खिलाना शुरू कर दो। ये बच्ची एक दिन हिंदुस्तान के लिए खेलेगी। यहीं से दीप्ति का सफर शुरू हो गया और उन्होंने हेमलता की बात को सच कर दिखाया।
खेल से परे दीप्ति शर्मा एक राम भक्त भी हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत उनकी हनुमान और श्री राम के प्रति आस्था है, इसलिए उन्होंने पहला टैटू उस भगवान का बनवाया जिनकी वह बहुत बड़ी भक्त हैं। इस क्रिकेटर ने बजरंगी को अपने हाथ पर गुदवाया है। इसके साथ ही उन्होंने जय श्री राम भी लिखवाया है।
दीप्ति ने भारत के लिए 2014 में पहला डेब्यू मैच खेला था। 5 टेस्ट, 89 वनडे और 117 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी दीप्ति के नाम 3,358 रन दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने 257 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी हासिल किए हैं।
भारत में क्रिकेट एक धर्म की तरह है, जहां प्रशंसक अपने मतभेदों के बावजूद इस खेल के प्रति प्रेम और जुनून दिखाते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि क्रिकेट हमारे देश को एकजुट करता है। अफसोस, जब बात इस खेल को खेलने वाली महिलाओं की आती है, तो परिदृश्य अलग होता है। लेकिन अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन सोच बदल रही है।
भारत में महिला क्रिकेट का उदय हो रहा है। विश्व स्तर पर खिलाड़ी अपना लोहा मनवा रही हैं। मिताली राज, झूलन गोस्वामी, हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना से दीप्ति शर्मा जैसे कई युवा प्रेरित हो रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम के हालिया प्रदर्शन ने दिखा दिया कि उचित समर्थन और अवसर मिलने पर क्या संभव है। ऐसे में भारत में महिला क्रिकेट और दीप्ति शर्मा जैसी कई युवा स्टार का भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है।

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											