N1Live Entertainment जन्मदिन विशेष : ‘इक अजनबी सा अहसास’ जगाने वाली स्नेहा, ‘ऐश्वर्या राय’ का टैग बना ‘मुसीबत’
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जन्मदिन विशेष : ‘इक अजनबी सा अहसास’ जगाने वाली स्नेहा, ‘ऐश्वर्या राय’ का टैग बना ‘मुसीबत’

Birthday Special: Sneha, who evoked 'a strange feeling', 'Aishwarya Rai' tag became a 'trouble'

बॉलीवुड में कई चेहरे आए और चले गए, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे होते हैं, जो फिल्मों से ज्यादा अपनी पहचान की वजह से चर्चा में रहते हैं। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं स्नेहा उल्लाल, जिनका नाम सामने आते ही सबसे पहले ऐश्वर्या राय की हमशक्ल होने की बात याद आती है। यह टैग उनके लिए शुरुआत में एक दरवाजा खोलने वाला साबित हुआ, लेकिन धीरे-धीरे यही पहचान उनके करियर के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट भी बन गई।

स्नेहा की कहानी सिर्फ एक एक्ट्रेस बनने की नहीं, बल्कि उस संघर्ष की भी है, जहां उन्हें पहचान तो मिली, लेकिन अपनी शर्तों पर नहीं।

स्नेहा उल्लाल का जन्म 18 दिसंबर 1987 को ओमान में हुआ था। उनका बचपन भी वहीं बीता। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने ओमान में की और बाद में अपनी मां के साथ मुंबई आ गईं। मुंबई में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। स्नेहा का परिवार फिल्मों से बिल्कुल दूर था और खुद स्नेहा ने भी कभी अभिनेत्री बनने का सपना नहीं देखा था। वह एक साधारण जिंदगी जी रही थीं और उसी दौरान उनकी दोस्ती सलमान खान की बहन अर्पिता खान से हुई, जो आगे चलकर उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बनी।

अर्पिता खान के जरिए स्नेहा की मुलाकात सलमान खान से हुई। उस वक्त स्नेहा की उम्र महज 17 साल थी। सलमान खान को स्नेहा का चेहरा पसंद आया, क्योंकि उनकी झलक काफी हद तक ऐश्वर्या राय से मिलती थी। इसी वजह से उन्हें फिल्म ‘लकी: नो टाइम फॉर लव’ में कास्ट किया गया। फिल्म 2005 में रिलीज हुई और इसके साथ ही स्नेहा रातों-रात चर्चा में आ गईं। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन स्नेहा की खूबसूरती और उनकी तुलना ऐश्वर्या राय से हर जगह होने लगी।

यहीं से वह टैग शुरू हुआ, जिसने स्नेहा को पहचान तो दी, लेकिन उनके काम पर हमेशा भारी पड़ा। एक इंटरव्यू में स्नेहा ने कहा कि यह तुलना एक तरह से पीआर स्‍ट्रैटजी का हिस्सा थी। लोग उन्हें एक नई अभिनेत्री के तौर पर देखने की बजाय दूसरी ऐश्वर्या के रूप में देख रहे थे। स्नेहा कई बार यह कह चुकी हैं कि वह ऐश्वर्या राय की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं, लेकिन वह अपनी पहचान अपने काम से बनाना चाहती थीं, न कि किसी और की परछाईं बनकर।

‘लकी’ के बाद स्नेहा ने बॉलीवुड में ‘आर्यन’, ‘क्लिक’, और ‘जाने भी दो यारों’ जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें वैसी सफलता नहीं मिली, जैसी उनको अपने करियर से उम्मीद थी। इसके बाद स्नेहा ने साउथ सिनेमा का रुख किया और यहीं उन्हें असली पहचान मिली। तेलुगु फिल्म ‘उल्लासंगा उत्साहंगा’ उनके करियर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई और इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला। बाद में ‘सिंहा’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म ने उन्हें साउथ में मजबूत जगह दिलाई।

स्नेहा का करियर धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा था, तभी उनकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ आया। वह ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारी से जूझने लगीं। उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि वह 30-40 मिनट से ज्यादा खड़ी भी नहीं रह पाती थीं। मजबूरी में उन्हें फिल्मों से लंबा ब्रेक लेना पड़ा। इस दौरान वह पूरी तरह लाइमलाइट से दूर रहीं और अपनी सेहत पर ध्यान दिया।

करीब छह साल बाद स्नेहा ने 2022 में फिल्म ‘लव यू लोकतंत्र’ से वापसी की। वह मानती हैं कि ऐश्वर्या राय की हमशक्ल होना उनके करियर की शुरुआत में वरदान था, लेकिन लंबे समय तक वही टैग उनके लिए बोझ बन गया। फिर भी उन्होंने खुद को साबित किया।

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