विपक्षी भाजपा ने बुधवार को विधानसभा में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) द्वारा तीन विपणन यार्डों में किसानों को दुकानों और सीए स्टोर के आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए 2021 की नीति का उल्लंघन कर सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि एपीएमसी द्वारा प्रला, शिलारू और टोटू में 2021 नीति का उल्लंघन करते हुए बहुत कम किराए पर 70 दुकानों के आवंटन में अनियमितताएं हुई हैं।
शर्मा ने कहा, “जांच महज दिखावा थी और मामले को दबा दिया गया तथा आवंटन रद्द नहीं किए गए। केवल उन्हीं लोगों के आवेदन रखे गए जिन्हें दुकानें दी जानी थीं, जबकि अन्य को खारिज कर दिया गया। 70 दुकानों के लिए कुल 133 आवेदन प्राप्त हुए थे।”
प्रश्न का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि प्रला में 34, शिलारू में 28 तथा टोटू में आठ दुकानों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे तथा मानदंडों के अनुसार पात्र व्यक्तियों को आवंटन कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा, “विस्तृत जांच के बाद आवंटन में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है और विपक्ष द्वारा बिना सबूत और विशिष्ट उदाहरणों के अस्पष्ट आरोप लगाना केवल सुर्खियां बटोरने के लिए किया जा रहा है।”
कृषि मंत्री द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद कि यदि विशिष्ट उदाहरण दिए गए तो वे आरोपों की जांच करेंगे, असंतुष्ट विपक्ष नारेबाजी करने लगा और सदन से बहिर्गमन कर गया।
मंत्री ने कहा कि दुकानों का 25 प्रतिशत आवंटन किसानों को, 50 प्रतिशत आढ़तियों को, 10 प्रतिशत ओबीसी को और 15 प्रतिशत एससी, एसटी और ओबीसी को किया गया है। चौपाल विधायक बलबीर वर्मा ने कहा कि 10 साल पहले मार्केटिंग यार्ड में 50,000-60,000 रुपये किराए पर दी जाने वाली दुकानें अब मात्र 5,000 से 6,000 रुपये किराए पर दे दी गई हैं।