नई दिल्ली, 2 अगस्त । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। भाजपा ने दावा किया है कि इस दौरान राहुल गांधी को स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को केरल के वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान राहुल गांधी की कार के पीछे दौड़ रहे एक व्यक्ति ने चिल्लाते हुए राहुल गांधी से कार रोकने को कहा। उसने कहा, “हमने ही उसे वोट दिया और जिताया। वह यहां का सांसद हुआ करता था। अगर कीचड़ में पैर गंदे होने की इतनी ही चिंता है, तो वह यहां क्यों आया है? वह क्या देखना चाह रहा है?” स्थानीय लोगों ने बताया कि इस व्यक्ति ने भूस्खलन में अपने प्रियजनों को खो दिया है।
केरल भाजपा के प्रवक्ता संदीप वाचस्पति ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, इसमें कुछ लोगों द्वारा राहुल गांधी के काफिले का पीछा करते हुए देखा जा सकता है। वाचस्पति ने दावा किया कि, “राहुल गांधी को वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।”
वाचस्पति ने राहुल की आलोचना करते हुए उन्हें ‘पर्यटक सांसद’ करार दिया। वाचस्पति ने वीडियो पोस्ट में कहा, ‘उन्हें प्रभावित इलाकों के लोगों के दुख में लोगों के साथ होना चाहिए, लेकिन वे यहां कहीं नहीं हैं, क्योंकि वे उत्तर प्रदेश भाग गए हैं। राहुल 10 कैमरों और अपनी पीआर टीम के साथ आए थे, इससे आपदा पीड़ित लोग नाराज हो गए।’
वाचस्पति ने कहा कि वे भले ही वायनाड में थे, लेकिन वे उस जगह पर मौजूद नहीं थे, जहां यह घटना हुई। भाजपा नेता ने आगे कहा, ‘वायनाड के लोग अपने जीवन के सबसे बुरे दौर में से एक का सामना कर रहे हैं। राहुल गांधी, जिन्हें उन्होंने वोट दिया, वे उन्हें छोड़कर उत्तर प्रदेश भाग गए।
उन्होंने कहा, हैरान करने वाली बात यह है कि राहुल गांधी एक पर्यटक की तरह अपने ही निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जो असामान्य है। उन्हें अपने मतदाताओं के साथ उनके दुख और खुशी में मौजूद रहना चाहिए। इससे नाराज लोगों ने मांग की कि राहुल गांधी वापस जाएं। वे ऐसा सांसद नहीं चाहते, जो पर्यटकों की तरह व्यवहार करे।
जब प्रतिनिधि महत्वपूर्ण समय में अनुपस्थित हों, तो यह देश के लिए विनाशकारी है। राहुल गांधी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि वे सार्वजनिक जीवन के लिए अयोग्य हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और राजनीति से दूर रहना चाहिए।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी एक्स पर यही वीडियो शेयर किया और लिखा, “आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने तीसरी बार असफल राहुल गांधी को वायनाड की यात्रा पर रोका, विनाशकारी भूस्खलन के बाद, जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान चली गई। बालक बुद्धि राहुल गांधी के हाथ खून से सने हैं, क्योंकि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी, जिसने माधव गाडगिल द्वारा तैयार पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट को दबा दिया था, जिसमें मेपड्डी में पर्यावरण विरोधी गतिविधियों के खिलाफ विशेष रूप से चेतावनी दी गई थी। इसके बाद वायनाड से सांसद के रूप में उन्होंने उन्हें फिर से निराश किया।”
वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी को यहां स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। उनका आरोप है कि राहुल गांधी की यात्रा बचाव कार्यों में समस्या पैदा कर रही है और उनके दौरे के कारण वाहनों को रोका गया।
वहीं, कांग्रेस विधायक टी सिद्दीकी ने वायरल वीडियो को एडिटेड बताया। आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति वाहन के पीछे भागता हुआ दिखाई देता है और फिर वाहन को रोकने के लिए कहता है, वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ का समर्थक है। उन्होंने दावा किया, “इस व्यक्ति ने त्रासदी में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है और जो वीडियो अब प्रसारित किया जा रहा है, वह कुछ निहित स्वार्थों द्वारा संपादित किया गया है। मैंने उन्हें राहुल के बारे में अच्छी बातें करते हुए सुना।”
बता दें कि राहुल अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ गुरुवार को वायनाड पहुंचे और दो दिनों में उन्होंने कई प्रभावित लोगों से मुलाकात की और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। राज्य की अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा के चौथे दिन, शुक्रवार को मरने वालों की संख्या 302 हो गई। 206 लोग अभी भी लापता हैं।
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