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भाजपा ने दिल्ली सरकार की रेरा अधिसूचना की निंदा की

BJP condemns Delhi government's RERA notification

नई दिल्ली, 21 नवंबर। भाजपा ने दिल्ली सरकार की रेरा अधिसूचना की निंदा करते हुए आरोप लगाया है कि दिल्ली के रियल एस्टेट डीलरों से पैसा वसूलने के लिए केजरीवाल सरकार यह अधिसूचना लेकर आई है।

भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार द्वारा लाए गए अधिसूचना की निंदा करते हुए कहा कि संपत्ति खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय की चिंता का दुरुपयोग करते हुए दिल्ली सरकार एक रेरा अधिसूचना लाई है, जिसके बाद दिल्ली में आज से सम्पति पंजीकरण रूक गया है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का रेरा नोटिफिकेशन कहता है कि 50 मीटर तक के प्लॉट पर केवल 3 आवासीय इकाइयों की अनुमति होगी यानी 50 मीटर के प्लॉट पर केवल 3 मंजिल का निर्माण या बिक्री की जा सकती है, जबकि दिल्ली में 50 मीटर तक के छोटे प्लॉटों की भरमार है, जिनमें 4 से 5 आवास इकाईयां हैं।

इसी तरह आदेश में कहा गया है कि 50 से 250 मीटर के भूखंडों पर केवल 4 आवास इकाइयों की अनुमति दी जाएगी, जबकि दिल्ली 6 से 8 आवास इकाइयों के साथ 100 मीटर से 250 मीटर तक की संपत्तियों से भरी हुई है।

सचदेवा ने कहा कि यह जानकर हैरानी होती है कि एक ऐसे शहर में जहां एक आम मध्यम वर्ग का आदमी 50 मीटर से 250 मीटर के फ्लैट का विकल्प चुनता है, केजरीवाल सरकार की रेरा अधिसूचना इन आवासों को प्रतिबंधित करती है। लेकिन, 250 से 3750 मीटर तक के अमीर आदमी के भूखंडों पर बढ़ी हुई एफएआर और आवास इकाइयों की अनुमति देती है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में लाखों इकाइयों वाली 1671 अनधिकृत कॉलोनियां हैं जहां आज तक कोई भवन योजना स्वीकृत नहीं हुई है और इसलिए कोई यह नहीं समझ पा रहा है कि इन क्षेत्रों में संपत्ति बिक्री खरीद कैसे होगी। अनधिकृत कॉलोनियों में 200 मीटर के घरों में आम तौर पर 8 से 10 आवास इकाइयां होती हैं और लोग सीएम अरविंद केजरीवाल से जानना चाहते हैं कि उनके घरों का भविष्य क्या होगा क्योंकि इस रेरा अधिसूचना के बाद ये घर अवैध हो जाएंगे और उनकी बिक्री और खरीद संभव नहीं होगी।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पूरे चारदीवारी वाले शहर और पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में वाणिज्यिक और मिश्रित उपयोग वाली इमारतें हैं और अगर दिल्ली सरकार की रेरा अधिसूचना लागू होती है तो इन मिश्रित उपयोग अथवा व्यापारिक क्षेत्रों का भविष्य नष्ट हो जाएगा। मिश्रित भूमि उपयोग वाले चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, गांधी नगर, शाहदरा, राजौरी गार्डन, उत्तम नगर, कमला नगर, कोटला मुबारकपुर, लाजपत नगर जैसे क्षेत्रों में संपत्ति पर रहने वालों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि जरूरत के समय वे संपत्ति कैसे बेचेंगे।

सचदेवा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह रेरा अधिसूचना 20 नवंबर 2023 से पहले या उसके बाद बनी संपत्तियों पर लागू होगी क्योंकि यह अधिसूचना न केवल दिल्ली में संपत्ति व्यापार को नष्ट कर देगी बल्कि व्यक्तिगत सम्पति मालिकों के हितों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के रियल एस्टेट डेवलपर्स से पैसा वसूलने के लिए यह अधिसूचना लाई है।

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