July 14, 2025
National

तेजस्वी यादव के बयान पर भाजपा ने की माफी की मांग, आंदोलन की चेतावनी

BJP demands apology for Tejashwi Yadav’s statement, warns of agitation

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा पत्रकारों के लिए विवादित शब्द के प्रयोग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार देते हुए तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी से माफी की मांग की है।

गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव का बयान न केवल पत्रकारिता के प्रति अपमानजनक है, बल्कि यह लोकतंत्र के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश को दर्शाता है।

उन्होंने तेजस्वी यादव के हालिया अधिवेशन के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे अपने समर्थकों से चौथे स्तंभ को बेनकाब करने को कहेंगे। यह प्रेस के खिलाफ खुली धमकी है। वे किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं?”

उन्होंने बिहार में लालू राज के दौरान पत्रकारों पर हुए हमलों का हवाला देते हुए कहा, “1991 में गया के पत्रकार अशोक प्रसाद की हत्या, 1994 में सीतामढ़ी के दिनेश दिनकर की हत्या, 1997 में गोपालगंज में हिंदुस्तान अखबार के कार्यालय पर बम हमला, 1999 में सिवान में दूरदर्शन कार्यालय पर हमला और मधुबनी में वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका राय पर हमला जैसे मामले आरजेडी के शासनकाल की सच्चाई बयां करते हैं।”

गुरु प्रकाश पासवान ने आरोप लगाया कि ये घटनाएं उस दौर की हैं, जब जंगलराज के दौरान पत्रकारों को निशाना बनाया गया और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई। वर्तमान एनडीए सरकार में पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है। पत्रकारिता में ‘सूत्र’ एक पेशेवर शब्द है, जिसे अपमानित करना आरजेडी के संस्कारों को दर्शाता है। पत्रकार लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए अपने परिवार और जीवन को दांव पर लगाते हैं। उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल अस्वीकार्य है।

गुरु प्रकाश पासवान ने तेजस्वी यादव से इस बयान को वापस लेने, स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो भाजपा और चौथा स्तंभ मिलकर आंदोलन करेंगे और आरजेडी के चाल, चरित्र और चेहरे को बिहार और देश की जनता के सामने उजागर करेंगे।

उन्होंने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहा, “1975 में आपातकाल के दौरान भी प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया था। आरजेडी का यह रवैया उसी मानसिकता को दर्शाता है। तेजस्वी यादव का बयान लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर करारा हमला है। परिवारवादी, अपराधी, लोकतंत्र और संविधान विरोधी शक्तियों को सत्ता से दूर रखने के लिए हम सब लोगों को आगे आना होगा।”

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