ऊना जिला भाजपा अध्यक्ष एवं चिंतपूर्णी के पूर्व विधायक बलबीर सिंह चौधरी ने आज मांग की कि राज्य सरकार को प्रस्तावित तीन दिवसीय प्रथम माता चिंतपूर्णी महोत्सव के वित्तीय प्रभावों तथा मंदिर में अन्य लंबित कार्यों एवं मुद्दों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
‘कार्य लंबित’ सरकार महोत्सव को बहुत महत्व दे रही है, लेकिन तीर्थस्थल के विकास और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं के लिए नागरिक कार्य करीब दो साल से अधर में लटके हुए हैं। बलबीर सिंह चौधरी, पूर्व विधायक
यह महोत्सव 14 सितम्बर को आरम्भ होगा, जिसमें मंदिर से अंब एसडीएम कार्यालय तक रंगारंग जुलूस के अलावा खेलकूद कार्यक्रम, प्रदर्शनियां और सांस्कृतिक संध्या भी शामिल होगी।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश के साथ, भाजपा नेता ने मांग की कि सरकार को महोत्सव के लिए निर्धारित धनराशि के साथ-साथ “महोत्सव के नाम पर व्यापारियों के अलावा स्थानीय जनता से अब तक जबरन ली गई धनराशि” पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
बलबीर चौधरी ने कहा कि सरकार इस महोत्सव को बहुत महत्व दे रही है, लेकिन तीर्थस्थल के विकास और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं के लिए नागरिक कार्य लगभग दो वर्षों से लंबित पड़े हैं।
उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित ‘चरण पादुका’ भवन और हेलीपैड पर काम शुरू करने में देरी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन कुनेरन तक सड़क की हालत खराब है, जिस पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
चौधरी ने कहा कि मंदिर के ‘बारीदार’ मंदिर के चढ़ावे में अपना हिस्सा मांग रहे हैं, लेकिन उनका मामला शिमला सचिवालय में फाइलों में लंबित है। उन्होंने पूछा कि सरकार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशानुसार चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति के मानदंडों का पालन कब करेगी।