N1Live National देश में 10 साल से भाजपा की सरकार, फिर झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिए कैसे आ गए : इमरान प्रतापगढ़ी
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देश में 10 साल से भाजपा की सरकार, फिर झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिए कैसे आ गए : इमरान प्रतापगढ़ी

BJP government in the country for 10 years, then how did Bangladeshi infiltrators come to Jharkhand: Imran Pratapgarhi

नई दिल्ली, 5 नवंबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में घाटशिला के धालभूमगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यदि झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है तो आदिवासियों की जमीन को अवैध प्रवासियों को हस्तांतरित होने से रोकने के लिए कड़ा कानून लाएगी। इस पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है।

कांग्रेस नेता ने सोमवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “पिछले 10 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इस दौरान घुसपैठिए कैसे देश में प्रवेश कर गए? गृह मंत्री को पहले यह समझना चाहिए कि यह गृह मंत्रालय की बड़ी विफलता है। तमाम एजेंसियों, जैसे सीमा सुरक्षा बल, के होते हुए भी अगर कोई घुसपैठ कर गया, तो क्या गृह मंत्रालय इसे अपनी असफलता मानता है?”

दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि गृह मंत्री झूठ बोल रहे हैं। उनके मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि एक भी घुसपैठिया नहीं है, लेकिन चुनावी फायदे के लिए वह झारखंड में जाकर झूठ बोल रहे हैं। झूठ बोलना और ध्रुवीकरण करना बंद करें, और मुद्दों पर चुनाव लड़ें। आदिवासी मुख्यमंत्री को बिना किसी कारण के जेल में रखने पर झारखंड की जनता सवाल उठा रही है। जनता में गुस्सा है, और आदिवासी समाज उस अपमान का बदला लेना चाहता है। इस प्रकार के बयानों से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी केंद्रीय गृह मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर बांग्लादेश से घुसपैठिए झारखंड में हैं, तो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना यहां क्यों रह रही हैं? भारत सरकार ने उन्हें शरण क्यों दी है? इस पर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “देश की सरकार ने क्या शेख हसीना को आधिकारिक तौर पर शरण दी है। यह सवाल हमें विपक्ष से नहीं, बल्कि सरकार से पूछना चाहिए। और यदि नहीं तो क्या वह बिना शरण के रह रही हैं।”

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन उम्मीदवारों को कहा गया कि ऐसे उम्मीदवार जो अपने ही गठबंधन के खिलाफ खड़े हैं, वह अपना नाम वापस लें नहीं तो उन पर कार्रवाई होगी। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, “यह स्पष्ट है कि अगर कोई विद्रोह करके चुनाव लड़ता है, तो राजनीतिक दल पहले मान-मनौव्वल करते हैं, और फिर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन हमारे पास एजेंसियों का सहारा लेकर लोगों को डराने का कोई इरादा नहीं है। हम लोकतंत्र में मान-मनौव्वल और समझाइश से ही काम करेंगे। हम सत्ताधारी पार्टी के हिसाब से नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुसार चलते हैं।”

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