केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज कहा कि भाजपा सरकार ने डिजिटलीकरण के माध्यम से भ्रष्ट आचरण पर अंकुश लगाया है और पार्टी का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।
मंत्री मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पार्टी के ‘संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम के तहत अंबाला में थे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा, “2014 से पहले देश में भ्रष्टाचार और घोटाले बहुत थे, लेकिन मौजूदा सरकार ने डिजिटलीकरण के जरिए घोटाले और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई। सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए सीधे उनके बैंक खातों में राशि मिलती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बन रहा है। राजनीति का चेहरा बदल गया है। आज देश का हर नागरिक देश में बदलाव देख रहा है। प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है और सरकार के पास अगले 50 सालों का विजन है।”
मंत्री ने विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों का उल्लेख किया और कहा कि सरकार ‘सबका साथ’ और ‘सबका विकास’ की भावना के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में एक जिम्मेदार, जवाबदेह और पारदर्शी सरकार है।
इसके बाद भाजपा कार्यालय में भाजपा नेताओं, मंडल अध्यक्षों, जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में भाजपा जिला अध्यक्ष मंदीप राणा, पूर्व विधायक पवन सैनी, प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, पार्टी प्रवक्ता डॉ. संजय शर्मा सहित कई अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कुरुक्षेत्र में ‘संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है और छात्रों को चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तैयार करने के लिए नया पाठ्यक्रम विकसित किया जा रहा है। कौशल आधारित शिक्षा भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह बात सामने आई है कि छात्र स्कूल के समय में कोचिंग संस्थानों में जा रहे हैं। गैर-शिक्षकों को दाखिला देने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “करीब 90 प्रतिशत लोग अंग्रेजी भाषा नहीं समझते। इसलिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे संवाद के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल करें, ताकि लोग दस्तावेजों को आसानी से समझ सकें।”
इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा, भाजपा जिला अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह, जिला परिषद चेयरपर्सन कंवलजीत कौर सहित अनेक भाजपा नेता उपस्थित थे।
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