June 28, 2025
Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश में जातिगत हिंसा को बढ़ावा दे रही भाजपा : सपा सांसद रामजीलाल सुमन

BJP is promoting caste violence in Uttar Pradesh: SP MP Ramjilal Suman

लखनऊ, 28 जून । समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर उत्तर प्रदेश में जातिगत हिंसा को बढ़ावा देने और सामाजिक समानता के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।

रामजीलाल सुमन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में इटावा में कथावाचकों के साथ हुई अपमानजनक घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक बताते हुए कहा कि कुछ लोग आज भी जातिगत मानसिकता से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने इस मानसिकता के पीछे भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों का हाथ होने का दावा किया।

रामजीलाल सुमन ने कहा कि ज्ञान अर्जन में जाति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति का हो, पढ़ सकता है, लिख सकता है, कथा सुन सकता है या पढ़ सकता है। लेकिन कथावाचक के जिस तरह बाल काटे गए, उन पर मल-मूत्र डाला गया और उनका अपमान किया गया, इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तारीफ की, जिन्होंने इस घटना का तुरंत संज्ञान लिया और पीड़ितों का हौसला बढ़ाया। सुमन ने कहा, “समाजवादी पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है।” हालांकि, उन्होंने दुख जताया कि इस मामले में पीड़ितों के खिलाफ ही उल्टा मुकदमा दर्ज कर दिया गया, जो “निंदनीय” है।

सुमन ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग हिंदू और सनातन धर्म की बात करते हैं, वे ही इसे कमजोर करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि अगर हिंदू धर्म समानता का धर्म नहीं बन सकता, तो उसे नष्ट होना चाहिए।

उन्होंने भाजपा पर हिंदू धर्म के मूल्यों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग सपा पर यादव और ब्राह्मण समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, सपा ऐसी किसी साजिश का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है और स्थिति पर नजर रख रही है। सपा इस मामले में अपनी रणनीति बनाएगी, लेकिन हिंसा या तनाव को बढ़ावा नहीं देगी।

इसके अलावा, सुमन ने आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्दों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने कभी संविधान और राष्ट्रध्वज को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया।

उन्होंने दावा किया कि जब संविधान बनाया जा रहा था, तब भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग मनुस्मृति को ही देश का संविधान मानते थे। साल 1949 में हिंदू कोड बिल के विरोध में इन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीर जलाने जैसी घटनाएं कीं।

सुमन ने कहा कि बीजेपी का असली चेहरा अब सामने आ रहा है, जो सामाजिक समानता और समाजवाद के खिलाफ है। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया।

उन्होंने कहा, “ये लोग दिल से समाजवाद और संविधान के मूल्यों को नहीं मानते। उनकी सोच और संस्कृति समाज को बांटने और शोषण को बढ़ावा देने वाली है।”

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