कांग्रेस ने आज कहा कि भाजपा महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार अभियान चला रही है।
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से राजस्व बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना अनुचित है कि हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने में विफल रही है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत है और इस तरह के बयान केवल चुनावी लाभ के लिए दिए जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि चुनावों को देखते हुए हिमाचल सरकार के बारे में प्रधानमंत्री मोदी समेत भाजपा नेताओं द्वारा गलत सूचना फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, “कल ही प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया संदेश में कहा था कि हिमाचल सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि यह सच्चाई से कोसों दूर है।” उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेता इसके नेतृत्व को गुमराह करने के लिए जिम्मेदार हैं।
चौहान ने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को चार प्रतिशत डीए जारी कर दिया गया है और 28 अक्टूबर को वेतन का भुगतान कर दिया गया है। 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों का बकाया जारी कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और केंद्र को इसे राहत देनी चाहिए क्योंकि देश में संघीय ढांचा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह के तथ्यात्मक रूप से गलत बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने हिमाचल को कोई वित्तीय सहायता या पिछले मानसून के दौरान हुए 9200 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई नहीं की है।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय सेहत सुधारने का संकल्प लिया है, जिसके लिए उन्होंने कुछ कठोर कदम उठाए हैं। अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है और इसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।” उन्होंने भाजपा पर हिमाचल में कांग्रेस शासन को गिराने के लिए ऑपरेशन लोटस शुरू करने का आरोप लगाया, जिसे लोगों ने हरा दिया था।