शिमला, 11 जुलाई । हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दिल्ली जाकर कोई पैकेज तो लेकर नहीं आते, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी को परेशान करने के लिए लेकर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह तानाशाही है। भाजपा को अपनी आंखों के सामने उपचुनाव में हार नजर आ रही है। इसलिए उपचुनाव के दौरान ही केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को करवाया गया। अगर इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, तो उपचुनाव के दौरान इस तरह की कार्रवाई क्यों की गई। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस तीनों सीटों पर जीत हासिल करने जा रही है।
राजस्व मंत्री नेगी ने कहा कि भाजपा के नेता हिटलरशाही पर उतर आए हैं। मंगलवार को ही देहरा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह गोली मारने की बात कर रहे थे। इससे पहले भी भाजपा नेता इस तरह की बात करते रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा ने विधायकों को खरीदकर जीत हासिल की। यह सब करके भाजपा नेता जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश को बदनाम करने का काम कर रहे हैं।
वहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि ”पिछले कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश में कुछ जगहों पर इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाइयों को लेकर चर्चा हो रही है। ये कार्रवाइयां राजनीति से प्रेरित नहीं हैं, बल्कि कुछ खास कारोबारियों के खिलाफ हैं। जो जानकारी सामने आ रही है, उससे पता चलता है कि इसमें कौन से लोग शामिल हैं, जिनको सरकार से महत्वपूर्ण संरक्षण प्राप्त है। इतने छोटे कार्यकाल में सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप चिंता का विषय है।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर अधिकारियों की जांच में पता चला है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रमुख सहयोगी ज्ञान चंद और प्रभात चंद राज्य में करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल हैं। ईडी सूत्रों के अनुसार, ईडी और आयकर विभाग को कुछ दस्तावेज मिले हैं, जो दोनों की संलिप्तता का संकेत देते हैं। बताया जाता है कि सुक्खू सरकार ने खुले तौर पर उनका पक्ष लिया, इससे राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
ईडी और आयकर विभाग ने हाल ही में की गई छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दो करीबी करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल हैं। ईडी और आईटी विभाग के अधिकारियों ने 29 जून और 4 जुलाई को हिमाचल के हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में कुछ व्यापारियों और ठेकेदारों के प्रतिष्ठानों और घरों पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसियों ने आभूषण की दुकानों, पेट्रोल पंपों और क्रशर पर छापेमारी कर दस्तावेज एकत्र किए हैं।