December 10, 2025
National

भाजपा सांसदों ने शीतकालीन सत्र के बीच राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर कटाक्ष किया

BJP MPs take a dig at Rahul Gandhi’s foreign trip amid winter session

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने एसआईआर पर विपक्ष के आरोपों और शीतकालीन सत्र के बीच राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने निशाना साधते हुए कहा कि वे इस तरह के व्यक्ति पर कमेंट नहीं करना चाहती हैं।

सांसद कंगना रनौत ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं उनकी (राहुल गांधी) यात्रा का हिसाब नहीं रखती, न ही उनके बारे में कोई खबर पढ़ती हूं। लेकिन यह सबको साफ है कि उनकी पार्टी क्यों सिमट गई है। मैं इस तरह के व्यक्ति पर कमेंट नहीं करना चाहती, क्योंकि आप जानते हैं कि उस इंसान में कोई दम नहीं है।”

भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी बीच चुनाव में विदेश चले जाते हैं। लगता है कि विदेश ही राहुल गांधी का वास्तविक घर है। उनका भारत की माटी से जुड़ाव नहीं है। वह न देश की भावना को समझते हैं और न दर्द को समझते हैं। सस्ती लोकप्रियता के लिए वह बीच-बीच में विदेश यात्रा करते रहते हैं। हालांकि, इस बार बात को देश की जनता समझती है।”

संजय जायसवाल ने कहा, “राहुल गांधी ने एसआईआर के मुद्दे पर पहले सदन को चलने नहीं दिया। सदन में उन्होंने एक शब्द नहीं बोला कि वह एसआईआर में क्या सुधार चाहते हैं। जो उन्होंने बोला, वो खुद उन्हें समझ नहीं आया होगा। मंगलवार को सदन में गलती से टीशर्ट की जगह कुर्ता पहनकर आ गए, तो पूरा भाषण कुर्ता ही दिया।”

भाजपा सांसद ने आगे कहा, “देश की जनता और लोकसभा में बैठे नेताओं को समझ नहीं आया है कि वह (राहुल गांधी) चुनाव प्रक्रिया को लेकर क्या सुधार चाहते हैं। उन्होंने इस पर एक भी शब्द नहीं बोला। वह सदन में मंगलवार को सदन में आए और चेहरा दिखाया। उन्होंने समझ आ चुका है कि कांग्रेस समाप्ति की ओर है। राहुल के लिए देश में कुछ नहीं रखा है।”

एसआईआर के विषय पर दामोदर दास अग्रवाल ने कहा कि एसआईआर को देश की जनता ने स्वीकार किया है। इसका ताजा उदाहरण बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम हैं।

उन्होंने कहा, “यह समझ नहीं आता है कि एसआईआर को लेकर आपत्ति क्या है? क्या मृतकों के नाम सूची में रहने चाहिए, क्या एक व्यक्ति को एक से अधिक जगह वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए, क्या गैर-भारतीय नागरिकों के पास भी मतदान का अधिकार होना चाहिए? समझ से बाहर है कि एसआईआर प्रक्रिया में सहयोग की बजाय विपक्ष के नेता चिल्ला क्यों रहे हैं?”

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