February 25, 2025
Uttar Pradesh

भाजपा के लोग पिछड़े, अल्पसंख्यक और दलित समुदायों का उड़ाते हैं मजाक : शिवपाल यादव

BJP people make fun of backward, minority and Dalit communities: Shivpal Yadav

लखनऊ, 25 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को लेकर की गई आलोचनात्मक टिप्पणियों के लिए कुछ नेताओं की निंदा की। उन्होंने कहा कि गुलामी की सोच रखने वाले लोग विदेशी शक्तियों के सहयोग से भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं पर लगातार हमले करते रहते हैं। इस पर समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग पिछड़े, अल्पसंख्यक और दलित समुदायों का मजाक उड़ाते रहते हैं।

उन्होंने कहा, “हम कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाते। जिन लोगों की आस्था है, उनका हममें से किसी ने भी कभी मजाक नहीं बनाया। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के लोग ही ऐसा करते हैं। ये पिछड़े, अल्पसंख्यक और दलित समुदायों का मजाक उड़ाते रहते हैं।”

इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव के कन्नौज में मंदिर को गंगाजल से धोने वाले बयान पर कहा, “उन्होंने जो कहा, वह सही था। पहले उन्होंने मुख्यमंत्री आवास छोड़ा, फिर कन्नौज गए और मंदिर में दर्शन किए, तो भाजपा वालों ने उसे गंगाजल से धुलवाया। अब उन्होंने गंगा में स्नान किया है, तो गंगाजल को कैसे धुलवाएंगे। आप कहते हैं कि गंगा में नहाएंगे और गंगा की सफाई करेंगे, लेकिन एनजीटी की रिपोर्ट ने साफ कह दिया है कि गंगा का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि और उसमें ऐसे कीटाणु हैं, जो बीमारियां फैला सकते हैं। अब जब केंद्र और ये लोग आपस में लड़ रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करवाइए, रिपोर्ट लिखवाइए। लेकिन ये तो काम करेंगे नहीं। ”

उन्होंने आगे कहा कि मैंने कई बार कहा है कि ये लोग आस्था और व्यवस्था का संतुलन नहीं बना पाए, इसी वजह से ये सब हो रहा है। इन्होंने साफ पानी तक नहीं दिया। जो साफ पानी दिया, वो भी सिर्फ वीआईपी लोगों के लिए था। इन्होंने प्रचार-प्रसार कर सबको बुला तो लिया, लेकिन कुंभ का आयोजन, जो सदियों पुराना है और हमारी सरकार में भी हुआ, उसमें कभी कोई व्यवस्था की कमी नहीं हुई। हमें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन इन्होंने इसे बिगाड़ दिया। इन्होंने कहा था कि 100 करोड़ लोग स्नान करेंगे, और इनकी गिनती तो बहुत तेज है, तुरंत गिन लिया। लेकिन जो हादसे हुए, जिनमें लोग मरे, उनकी गिनती अभी तक सही नहीं हो पाई। ये ठीक से बता भी नहीं रहे कि कितने लोग मरे।

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