N1Live Haryana भाजपा ने पंजाबी कार्ड खेला, सोनीपत से निखिल मदान को मैदान में उतारा
Haryana

भाजपा ने पंजाबी कार्ड खेला, सोनीपत से निखिल मदान को मैदान में उतारा

BJP played Punjabi card, fielded Nikhil Madan from Sonipat

सोनीपत विधानसभा सीट के लिए कल शाम भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर सभी अटकलों को खत्म कर दिया। युवा पंजाबी चेहरे मेयर निखिल मदान को टिकट देकर भाजपा ने पंजाबी कार्ड खेला है।

जुलाई में जब से मदान भाजपा में शामिल हुए थे, तब से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें सोनीपत सीट से चुनाव लड़ाया जाएगा। हालांकि, टिकट की घोषणा से पार्टी के कई नेताओं में नाराजगी है।

सोनीपत सीट पंजाबी बहुल मानी जाती है, लेकिन 2009 से यहां गैर-पंजाबी उम्मीदवार चुने जा रहे हैं। 2009 और 2014 में सोनीपत से भाजपा उम्मीदवार कविता जैन निर्वाचित हुईं, जबकि 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंदर पंवार निर्वाचित हुए। 2005 में भाजपा उम्मीदवार ललित बत्रा चुनाव हार गए थे।

1972, 1977 और 1982 में पंजाबी नेता देवीदास भाजपा के टिकट पर इस सीट से विधायक चुने गए, जबकि अन्य पंजाबी नेता श्याम दास मुखीजा, देवराज दीवान और अनिल ठक्कर क्रमशः 1991, 1996 और 2000 तथा 2005 में कांग्रेस के टिकट पर चुने गए।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह कोई आश्चर्यजनक कदम नहीं है क्योंकि यह पहले से ही भाजपा की रणनीति का हिस्सा था। मदान पंजाबी समुदाय से एक नया चेहरा थे और पंजाबी मतदाताओं की संख्या वहां सबसे अधिक थी। साथ ही, उनके खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर भी नहीं थी।

भाजपा से टिकट की दौड़ में शामिल कविता जैन और उनके पति राजीव जैन (मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार) ने गुरुवार को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई। भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा और उनकी पत्नी इंदु, भाजपा पार्षद और भाजपा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश सचिव मुकेश बत्रा, संजय ठेकेदार समेत कुछ अन्य भाजपा नेताओं ने जैन के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

इसी तरह खरखौदा में भाजपा ने पवन खरखौदा को मैदान में उतारा है, जो 2019 में जेजेपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पवन इस साल जून में भाजपा में शामिल हुए थे।

खरखौदा को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है, ऐसे में उनके लिए कांग्रेस से यह सीट छीनना चुनौती होगी।

अंदरूनी विरोध के बावजूद भाजपा ने पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को गोहाना विधानसभा सीट से टिकट दिया है, जो हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन चुनाव हार गए थे। यह सीट जाट बहुल है और हुड्डा का गढ़ माना जाता है। भाजपा यहां से कभी नहीं जीती है। स्थानीय भाजपा नेताओं ने अरविंद शर्मा की गोहाना सीट से उम्मीदवारी का विरोध किया था।

Exit mobile version