नई दिल्ली, 3 अक्टूबर । भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार में फेलो की नियुक्ति के मामले में रोक के आदेश को हटाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अवैध फेलोशिप मामले में नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देने की मांग की है।
सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना दिल्ली सरकार और विधानसभा द्वारा अवैध रूप से नियुक्त फेलो पर लगी रोक को हटाकर उच्च न्यायिक मानकों को बरकरार रखा है। इन फेलोस की नियुक्ति करते समय केजरीवाल सरकार और विधानसभा सचिवालय ने संभावित अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी उम्मीदवारों को आरक्षण के वैध लाभ से वंचित कर दिया।
सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी चौंकाने वाली है कि केजरीवाल सरकार ने पीठ को बिना यह सूचित किये स्टे प्राप्त कर लिया था कि मामला पहले से ही भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, जिसने इस पर स्टे देना आवश्यक नहीं पाया है।
सचदेवा ने नजफगढ़ नाले की सफाई को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा फैसले के मामले में भी आप सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार गैर जिम्मेदार सरकार है जो अधिकार तो चाहती है लेकिन जिम्मेदारी से भागती है। नजफगढ़ ड्रेन सफाई परियोजना अटक गई है क्योंकि केजरीवाल सरकार ने इसकी सफाई समिति की अध्यक्षता के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन अध्यक्षता मिलने के बाद इस परियोजना पर काम बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यह देखकर हैरानी होती है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल नजफगढ़ नाले की सफाई पर किंचित भी गंभीर नहीं हैं, जो दिल्ली में यमुना नदी को प्रदूषित करने का सबसे बड़ा कारण है। पिछले 9 वर्षों के दौरान केजरीवाल सरकार ने 705 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन करने के बावजूद नजफगढ़ नाले की सफाई के लिए कुछ नहीं किया और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को एक आदेश देने के लिए मजबूर किया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को नजफगढ़ ड्रेन और यमुना सफाई पर एक समिति की अध्यक्षता करने के लिए कहा गया।
एनजीटी के आदेश के तुरंत बाद उपराज्यपाल ने सख्ती से नजफगढ़ नाले की सफाई का काम अपने हाथ में ले लिया और बदलाव दिखने भी लगा था, लेकिन केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और उपराज्यपाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के एनजीटी के आदेश को खारिज करवा दिया। उसके बाद जुलाई 2023 से नजफगढ़ नाले की सफाई का काम रुका हुआ है और अब अनुपचारित नजफगढ़ नाला सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना में गिरता है।