December 5, 2025
National

पश्चिम बंगाल में 50 लाख संदिग्ध वोटर मिलने पर भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

BJP targets West Bengal government after finding 50 lakh suspicious voters

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान तकरीबन 50 लाख फर्जी मतदाताओं की पहचान के बाद राज्य सरकार पर निशाना साधा है। राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक ही एजेंडा है, बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या के नाम लिस्ट में रहें।

पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दौरान कथित तौर पर 50 लाख ऐसे लोगों की पहचान हुई है, जो असल में राज्य में नहीं रहते हैं। इस पर समिक भट्टाचार्य ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “जिस प्रदेश में बाप भी किराए पर मिलता हो, जहां भाई-बहन तक आपस में विवाह कर रहे हों, यानी पति-पत्नी के पिता का नाम एक ही हो, ऐसे प्रदेश से आप और क्या अपेक्षा कर सकते हैं? ऐसे क्षेत्र से आखिर कैसी उम्मीद की जा सकती है?”

भाजपा सांसद ने आरोप लगाए कि ममता बनर्जी की सरकार में मृत लोगों के नाम भी मतदाता सूची में डाले गए। खाली प्लॉट और जमीनों को फर्जी मतदाताओं के पते के रूप में दर्ज कराया गया। समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण होकर रहेगा। इस प्रक्रिया में बाधा डालने वालों को संविधान के अनुसार सोचना चाहिए कि उन्हें क्या करना है।

वहीं, भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे लोगों को हटाना बहुत आवश्यक है और इसीलिए एसआईआर जरूरी है। उन्होंने कहा, “इसीलिए एसआईआर की जरूरत है। यह उन लोगों को करारा जवाब है, जिन्होंने एसआईआर पर सवाल उठाए थे।”

उन्होंने कहा कि यह कैसे मुमकिन है कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने की बात करें, और फिर भी वोटर लिस्ट में ऐसे लोग शामिल हों जो गैर-कानूनी तरीके से इसका हिस्सा बन गए हैं? ऐसे लोगों को हटाना बहुत जरूरी है।

इसी तरह की चिंता जताते हुए, बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि इन खुलासों से पश्चिम बंगाल में डेमोग्राफिक हेरफेर का पर्दाफाश हुआ है।

उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी की चालें सामने आ रही हैं। डेमोग्राफिक्स को बदलने वाले हेरफेर धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। जो लोग बंगाल की आबादी का हिस्सा नहीं थे, उन्हें वोटर बनाया गया, जिससे गलत काम हुए। भारत का चुनाव आयोग निश्चित रूप से कार्रवाई करेगा।”

एसआईआर पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, “यह एक बहुत जरूरी प्रक्रिया है। यह हमारे डेमोक्रेटिक सिस्टम की नींव को मजबूत करती है। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस प्रक्रिया को गंभीरता से लें।”

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