October 7, 2024
National

भाजपा की टीम ने दिल्ली के स्कूल का किया दौरा, मिले शिक्षक नदारद और शौचालय गंदे

नई दिल्ली, 27 अगस्त। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह दावा करते नहीं थकते कि वो दिल्ली में बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा मुहैया करा रहे हैं, जिसकी चर्चा ना महज देश, बल्कि विदेशों में भी हो रही है। यही नहीं, वे दिल्ली के शिक्षा मॉडल के नाम पर पंजाब सहित कई राज्यों में चुनाव भी लड़ चुके हैं। बीजेपी की एक टीम ने मंगलवार को कापसहेड़ा में एक स्कूल का निरीक्षण किया।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद रामवीर सिंह बिधुड़ी और राजा इकबाल स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें केजरीवाल सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया। जिस स्कूल का वो निरीक्षण करने पहुंचे थे, वहां ना तो बच्चों के लिए पर्याप्त क्लास रूम थे और ना ही उनके बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था।

बीजेपी ने दावा किया कि स्कूल की बदहाली का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि एक क्सालरूम में दो कक्षाओं के बच्चे बैठने को मजबूर हैं और ना ही उन्हें पढ़ाने वाला कोई योग्य शिक्षक है। केजरीवाल सरकार यह दावा करती है कि वो दिल्ली में बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध करा रही है, लेकिन बीजेपी ने कहा कि उसने इन दावों की पोल खोल कर रख दी।

स्कूल का निरीक्षण करने के बाद वीरेन्द्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया, “मैं इस पर अब क्या कहूं। आप लोगों ने खुद ही देखा कि बच्चे के बैठने की व्यवस्था तक नहीं है। वो जमीन पर बैठे हुए हैं। एक क्लास में दो कक्षाएं चल रही हैं। यही नहीं, अभी तक महज 50 फीसद बच्चे ही आए हैं। अगर पूरे बच्चे आ गए, तो उनके बैठने की भी व्यवस्था नहीं होगी। वहीं, दिल्ली सरकार यह ढोल पीटती रहती है कि हमारी शिक्षा प्रणाली यूरोप से बेहतर है। कितनी बेहतर है, आप आकर देखिए।”

उन्होंने सवालिया लहजे में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों से पूछा, “क्या मनीष सिसोदिया अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में पढ़ाएंगे। आतिशी दुनिया भर का दौरा करती हैं, क्या वो यहां का दौरा करेंगी। ये लोग विश्वस्तरीय शिक्षा मुहैया कराने की बात करते हैं, जहां आप स्कूल के बाथरूम जाकर देख लीजिए, क्या हालत बनी हुई है। 1200 से ज्यादा बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। हालात ऐसे बने हुए हैं कि आप बाथरूम में घुस नहीं सकते। यह सुबह का समय है। दोपहर होते होते इसका क्या हालत होगी। बिल्कुल हम इसे एनसीपीसीआर में लेकर जाएंगे। केजरीवाल सरकार को शर्म आनी चाहिए।”

Leave feedback about this

  • Service