April 19, 2025
National

झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन के खिलाफ भाजपा का ‘आक्रोश मार्च’, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

BJP’s ‘Aakrosh March’ against Jharkhand minister Hafizul Hasan, submitted memorandum to the Governor

झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग को लेकर प्रदेश भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को रांची में शहीद चौक से राजभवन तक ‘आक्रोश मार्च’ किया।

राज्य के कुछ अन्य जिलों में भी मंत्री के खिलाफ भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। भाजपा, मंत्री के उस बयान का विरोध कर रही है, जिसमें उन्होंने इस्लामिक कानून शरीयत को संविधान से ऊपर बताया था।

रांची में शहीद चौक के पास से निकाले गए मार्च में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, रक्षा राज्यमंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, प्रदीप वर्मा, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, युवा मोर्चा के अध्यक्ष शशांक राज सहित सैकड़ों नेता-कार्यकर्ता शामिल रहे।

मार्च में शामिल लोगों ने संविधान की प्रति हाथ में ले रखी थी। उन्होंने हफीजुल हसन की बर्खास्तगी और उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर नारे लगाए। मार्च संपन्न होने के बाद भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है, ”झारखंड प्रदेश राज्य सरकार द्वारा संपोषित संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है। संविधान की शपथ लेकर पद पर आसीन होने वाले मंत्रीगण संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर रहे हैं। संविधान की मर्यादाओं का उल्लंघन करने वाले, उसे अपमानित करने वाले, दोयम दर्जा देने वाले तथा राष्ट्र और संविधान प्रथम की जगह शरिया प्रथम मानने वाले कैबिनेट मंत्री हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देशित करने की कृपा की जाए।”

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में संविधान के बजाय शरीयत को लागू करने की साजिश कर रही है। राहुल गांधी और हेमंत सोरेन वक्फ अधिनियम के विरोध के नाम पर वोट बैंक को साधने के लिए मुस्लिम मंत्रियों हफीजुल अंसारी और इरफान अंसारी से संविधान विरोधी बयान दिलवा रहे हैं। यह जनादेश और संविधान का अपमान है। राज्य में शरीयत लागू करने की साजिश को भाजपा सफल नहीं होने देगी और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की रक्षा पूरी मजबूती से करेगी।

इस बयान के विरोध में गुरुवार को झारखंड के कई अन्य जिलों में भी भाजपा ने प्रदर्शन किया। हफीजुल अंसारी ने पिछले दिनों एक चैनल से बातचीत में कहा था, ”शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते हैं और हाथ में रखते हैं संविधान। मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलता है। तो, हम पहले शरीयत को पकडेंगे, उसके बाद संविधान… मेरा इस्लाम यही कहता है।”

हालांकि, बाद में उन्होंने इस बयान को लेकर सफाई दी थी। हफीजुल हसन का कहना था कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने कभी भी संविधान के विरोध में कोई बात नहीं कही।

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