पंजाब भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अरविंद खन्ना ने पंजाब सरकार पर अतिरिक्त बोझ डालकर राज्य के वित्तीय संकट को बढ़ाने का आरोप लगाया।
एक बयान में खन्ना ने आप सरकार द्वारा मुख्य वित्तीय सलाहकार अरविंद मोदी और सलाहकार सेबेस्टियन जेम्स की नियुक्ति पर चिंता व्यक्त की, जिन्हें कैबिनेट और सचिव स्तर की सुविधाएं दी गई हैं। उन्होंने तर्क दिया कि इन उच्च लागत वाली नियुक्तियों से राज्य पर और अधिक वित्तीय दबाव पड़ेगा।
खन्ना ने कहा, “ये नियुक्तियां मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार की पंजाब के हितों को ध्यान में रखते हुए नीतियां लागू करने में विफलता को उजागर करती हैं।”
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आप नेता अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय, राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डाला जा रहा है। खन्ना ने यह भी कहा कि आप के विज्ञापन अभियान और हवाई यात्रा खर्च पहले ही राज्य के खजाने पर भारी पड़ रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आप ने राजस्व के नए स्रोत लाने का वादा किया था, लेकिन पंजाब का खजाना पूरी तरह से ऋण पर निर्भर है, तथा शराब नीति, बिजली या खनन से कोई महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। पारदर्शिता की मांग करते हुए खन्ना ने पंजाब की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र की मांग की।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में कर राजस्व से पंजाब को 3,220 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो राज्य के कल्याण के लिए है, लेकिन उनका दावा है कि केजरीवाल के प्रभाव में इस धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
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