कोलकाता, 12 जनवरी । पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के नजात इलाके में गुरुवार को उस समय तनाव पैदा हो गया, जब ईडी टीम पर हाल ही में हुए हमले के विरोध में भाजपा की रैली को पुलिस ने रोक दिया।
रैली का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार कर रहे थे।
ईडी और सुरक्षा कर्मियों की एक टीम पर 5 जनवरी को हमला किया गया था। टीम करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले के सिलसिले में संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर तलाशी लेने गई थी।
गुरुवार को उत्तर 24 परगना जिले की पुलिस ने सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में रैली को पुलिस स्टेशन के पास पहुंचने से रोकने के लिए नजात पुलिस स्टेशन के आसपास 1 किमी के दायरे में धारा 144 लगा दी।
भीड़ को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने थाने से कुछ दूरी पर बैरिकेड लगा दिए। जैसे ही भाजपा समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, उनके और पुलिस कर्मियों के बीच जमकर हाथापाई हुई।
रोके जाने के बाद मजूमदार अपने समर्थकों के साथ वहीं सड़कों पर बैठ गए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मजूमदार ने आरोप लगाया, ”हमारे पुरुष पार्टी कार्यकर्ताओं को बाद में फंसाने के इरादे से महिला पुलिसकर्मियों को जानबूझकर सामने रखा गया था।”
उन्होंने यह भी कहा कि फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां, जिन पर 5 जनवरी को ईडी टीम और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले के पीछे ‘मास्टरमाइंड’ होने का आरोप लगाया गया है, वह बंगाल पुलिस की सुरक्षा में छिपे हुए हैं।
मजूमदार ने कहा, राज्य पुलिस को हर बात की जानकारी है। वे चाहें तो फरार नेता की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। आज हमें अपना प्रदर्शन करने से रोकने के लिए इतनी बड़ी पुलिस टुकड़ी मौजूद है।
उन्होंने सवाल किया कि जब ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हमला हुआ तब पुलिस क्या कर रही थी? वे उन्हें सुनियोजित हमले से बचाने क्यों नहीं गई?
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