हिमाचल प्रदेश में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जामवाल ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर महंगाई बढ़ाने वाले कर लगाने का आरोप लगाया है, खास तौर पर त्योहारों के मौसम में। उन्होंने सरसों के तेल और रिफाइंड तेल जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में तेज बढ़ोतरी पर प्रकाश डाला, जिनकी कीमतों में क्रमश: 25 रुपये और 10 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जामवाल ने सरकार पर हिंदू त्योहारों के दौरान नागरिकों पर बोझ डालने वाली जनविरोधी नीतियां लागू करने का आरोप लगाया।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड से 51 तकनीकी पदों को समाप्त करने के सरकार के फैसले की भी आलोचना की और इसे कर्मचारी विरोधी एजेंडे का हिस्सा बताया। जामवाल ने तर्क दिया कि इससे राज्य के युवा और पेशेवर हतोत्साहित होते हैं, जबकि सरकार ने 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया है।
उन्होंने आगे बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने “काम-से-नियम” की रणनीति अपनाई है, जिससे बिजली कटौती के मामले में देरी हो सकती है, जिसका असर जनता पर पड़ सकता है। उन्होंने इसके लिए सरकार की अक्षमता और अपने नागरिकों के प्रति चिंता की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
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