November 3, 2024
National

अखिलेश और गांधी परिवार के गढ़ को जीतने की भाजपा की रणनीति, जल्द हो सकती है उम्मीदवारों की घोषणा

नई दिल्ली, 13 फरवरी। 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में 49.98 प्रतिशत मत के साथ 62 सीटों और उसके सहयोगी अपना दल (एस) को 1.21 प्रतिशत मत के साथ 2 सीटो पर जीत हासिल हुई थी। पिछले चुनाव में भाजपा ने गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में राहुल गांधी तक को हरा दिया था। बाद में भाजपा ने लोकसभा उपचुनाव में सपा के दो और गढ़ आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट सपा से छीन ली। लेकिन उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटें अभी भी विपक्षी दलों के कब्जे में हैं।

भाजपा इस बार के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के गढ़ मैनपुरी (जहां से उनकी पत्नी डिंपल यादव वर्तमान सांसद हैं और जिन्हें 2024 के चुनाव के लिए भी सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है) और गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली सहित उत्तर प्रदेश की उन सभी 14 लोकसभा सीटों को भी जीतने की विशेष तैयारी कर रही है जिस पर वर्तमान में विपक्षी दलों का कब्जा है।

मैनपुरी से अखिलेश यादव ने फिर से अपनी पत्नी डिंपल यादव को ही उम्मीदवार बनाया है, वहीं रायबरेली, जहां से वर्तमान में सोनिया गांधी सांसद हैं, के बारे में कहा जा रहा है कि इस बार वहां से सोनिया गांधी की बजाय प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती हैं।

वैसे तो भाजपा पिछले लंबे समय से देशभर में लोकसभा की जिन 160 सीटों को अपने लिए कमजोर मान कर उस पर विशेष तैयारी कर रही है उसमें मैनपुरी और रायबरेली सहित उत्तर प्रदेश में विपक्षी कब्जे वाली सभी 14 सीटें शामिल हैं लेकिन इस बार भाजपा अपनी पूरी ताकत मैनपुरी और रायबरेली को जीतने पर लगा रही है ताकि इन दोनों गढ़ को भी ढहाकर देश की जनता को एक संदेश दिया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में 17-18 फरवरी को होने वाले भाजपा राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक के बाद पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है जिसमें मैनपुरी और रायबरेली सहित उत्तर प्रदेश में विपक्षी कब्जे वाली सभी 14 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इन सभी 14 सीटों के लिए कद्दावर और लोकप्रिय चेहरों को चुना जा रहा है। सपा और बसपा के कई नेताओं को तोड़ कर पार्टी इन सीटों से उम्मीदवार बना सकती है। वहीं पार्टी इनपर एक बड़े फिल्मी सितारे को उतारने की तैयारी कर रही है ताकि विपक्षी दिग्गज नेताओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर पार्टी के पक्ष में एक माहौल बनाया जा सके।

एक नेता को जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल में शामिल करा कर उन्हें एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर भी चुनाव लड़ाया जा सकता है।

आपको याद दिला दें कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में इस बार राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है।

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