शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की जीत के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के “ट्रिपल इंजन वाली सरकार” होने के दावे पर कटाक्ष करते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज कहा कि सरकार के इंजन में “केवल बैक गियर” है और इसने राज्य को कर्ज के जाल में धकेल दिया है।
हरियाणा विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान बोलते हुए हुड्डा ने दावा किया कि आंतरिक ऋण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की देनदारियों, बिजली वितरण कंपनियों के बकाया और सार्वजनिक खाता जमा को जोड़ने के बाद, राज्य की वास्तविक देनदारी 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
हुड्डा ने बताया कि 62,319 करोड़ रुपये सिर्फ़ पिछले ऋणों के भुगतान पर खर्च किए जाएंगे – 35,788 करोड़ रुपये मूलधन के भुगतान के लिए और 26,531 करोड़ रुपये ब्याज के लिए। नए ऋण लेने के बाद सरकार के पास सिर्फ़ 10,212 करोड़ रुपये बचेंगे।
उन्होंने बताया, “2025-26 के लिए सरकार की राजस्व प्राप्तियां 1.27 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि राजस्व व्यय 1.48 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से 1.09 लाख करोड़ रुपये – राजस्व का 85.8% – वेतन, पेंशन, ऋण और ब्याज भुगतान पर खर्च किए जाएंगे।”
हुड्डा ने कहा, “राजस्व घाटा 20,600 करोड़ रुपये है, जिसका अर्थ है कि राज्य दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त राजस्व अर्जित नहीं कर रहा है।”
राज्य के राजस्व (2021-22) पर सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए हुड्डा ने दावा किया कि बिक्री कर, वैट, राज्य उत्पाद शुल्क, स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 1,103.94 करोड़ रुपये का नुकसान पाया गया है।
पूंजीगत व्यय के बारे में हुड्डा ने कहा कि 16,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन समायोजन के बाद सरकार के पास बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए केवल 11,000 करोड़ रुपये ही बचेंगे। उन्होंने कहा, “आपको इस राशि के भीतर कॉलेज, विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज बनाने की जरूरत है।”
उन्हें बीच में रोकने वाले ट्रेजरी बेंच के सदस्यों को चुनौती देते हुए हुड्डा ने कहा, “यदि मेरे आंकड़े गलत हैं, तो राज्य के वित्त पर एक श्वेत पत्र जारी करें।”
अपने कार्यकाल (2005-2014) की तुलना भाजपा के शासन से करते हुए हुड्डा ने कहा, “2005-2014/15 के दौरान विकास दर 17.6% थी, जबकि 2014-2024/25 के दौरान विकास दर 10.6% थी।” उन्होंने कहा, “2005-06 से 2014-15 तक ऋण वृद्धि सालाना 13.01% थी, लेकिन 2014-15 से यह बढ़कर 18.01% प्रति वर्ष हो गई है। 2005-06 में ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात 24.1% था, जिसे कांग्रेस ने 2014-15 तक घटाकर 14.6% कर दिया, लेकिन भाजपा ने इसे 2025-26 तक वापस 26.3% तक बढ़ा दिया है।”
हुड्डा ने ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ की आलोचना की, जिसके तहत 18-60 वर्ष की आयु की महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह मिलेंगे, उन्होंने तर्क दिया कि केवल 5,000 करोड़ रुपये ही निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा, “हरियाणा में 82 लाख से ज़्यादा महिलाएँ हैं, जिसका मतलब है कि 75% को इससे वंचित रखा जा रहा है।”
‘नॉन-स्टॉप हरियाणा’ नारे का मजाक उड़ाते हुए हुड्डा ने कहा, “यह फुल-स्टॉप सरकार है – नॉन-स्टॉप भ्रष्टाचार, नॉन-स्टॉप अपराध और नॉन-स्टॉप कर्ज।”
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए हुड्डा ने भाजपा सरकार पर अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए इंस्पेक्टरों की पिछली भर्ती का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा के कार्यकाल में ही हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव को करोड़ों की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। मैंने सदन में इस बारे में बातचीत भी पढ़ी। लेकिन क्या हुआ? जांच कहीं नहीं पहुंची।”
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