हवलदार बलदेव चंद को आज बिलासपुर ज़िले के उनके पैतृक गाँव गंगालोह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अश्रुपूर्ण विदाई दी गई। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गाँव पहुँचा जहाँ सैन्य परंपराओं और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बलदेव चंद ने लगभग 14 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की। उनके परिवार में पत्नी शिवानी, छह वर्षीय पुत्र ईशान ठाकुर, माता-पिता और छोटा भाई दिनेश चंद हैं। सेना और राज्य सरकार के अधिकारियों ने उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए कहा कि उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा, “हवलदार बलदेव चंद का मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
मंत्री ने कहा कि उन्हें पालमपुर में एक सम्मेलन में भाग लेना है और वापस आने पर वे व्यक्तिगत रूप से शहीद के परिवार से मिलेंगे और अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस दुख की घड़ी में पूरा राज्य शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है।
उपायुक्त राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक संदीप धवल सहित वरिष्ठ अधिकारियों, बड़ी संख्या में ग्रामीणों और सेना के जवानों ने शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
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