नशे की लत को जड़ से मिटाना और उससे लड़ना समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है और इसे बिना सक्रिय जनभागीदारी के अकेले पुलिस द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता। यह बात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश उपाध्याय ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि पुलिस ने पूरे जिले में ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ अभियान शुरू किया है, जिसमें नागरिकों को सक्रिय रूप से ड्रग विक्रेताओं और नशेड़ियों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा, “ड्रग्स के दुरुपयोग ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है और हमें इसे पूरी गंभीरता से संबोधित करना चाहिए।”
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप शर्मा ने कहा कि समाज में नशे की लत का मुद्दा तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि नशा तस्कर युवा पीढ़ी को लुभाने और फंसाने के लिए लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। शर्मा ने सभी नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया और छात्रों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा शुरू की गई मुफ्त कानूनी सहायता योजना के बारे में भी जानकारी दी, जो जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करती है।
आयुष विभाग की डॉ. रजनी ठाकुर ने भी समारोह को संबोधित किया तथा विद्यार्थियों को नशे की लत के गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों के प्रति जागरूक किया।
रचनात्मकता के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए, कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। विजेताओं – सुजल, कनिष्का चंदेल, मेघा आकांक्षा, मनीष, शिवानी, शिफाली शर्मा, प्रियंका और अभिषेक – को उनके उत्कृष्ट कलात्मक योगदान के लिए पुरस्कार दिए गए।
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