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ब्रेंडन फ्रेजर: गिरकर-संभलने, फिर खामोशी से तरक्की की सीढ़ियां चढ़ने वाले सितारे की कहानी प्रेरक

Brendan Fraser: The inspiring story of a star who fell, recovered, and then quietly climbed the ladder of success.

हॉलीवुड में हर दिन नई चमक पैदा होती है, लेकिन कुछ कहानियां ऐसी हैं जो सितारों से ज्यादा इंसानियत की रोशनी बिखेरती हैं। 3 दिसंबर को जन्मे ब्रेंडन फ्रेजर की कहानी ऐसी ही दुर्लभ कथा है—उत्थान, पतन, दर्द, और फिर ऐसी वापसी जिसने पूरी दुनिया को खड़ा कर दिया।

उनकी यात्रा को समझते हुए कई समीक्षक विलियम गोल्डमैन की मशहूर हॉलीवुड बुक “एडवेंचर्स इन द स्क्रीन ट्रेड” का जिक्र करते हैं, जिसमें एक सच्चाई दर्ज है—“हॉलीवुड में कोई भी कुछ नहीं जानता, लेकिन हर किसी को लगता है कि वे सब जानते हैं।” फ्रेजर की जिंदगी इसी अनिश्चितता के बीच अपनी अनोखी राह बनाती है।

90 के दशक में ब्रेंडन हॉलीवुड के सबसे चमकते सितारों में से एक थे। ‘द मम्मी’ जैसी मेगा फ्रेंचाइजी ने उन्हें ग्लोबल आइकन बना दिया। उनकी मासूम, लगभग ‘बॉय-नेक्स्ट-डोर’ वाली छवि और ऊर्जावान अभिनय शैली दर्शकों को उनसे जोड़ती थी। कोई नहीं सोच सकता था कि वही अभिनेता कुछ ही सालों में गुमनामी के जाल में फंस जाएगा—जैसा कि गोल्डमैन की किताब में हॉलीवुड की बेदर्दी को समझाते हुए लिखा गया है कि यह जगह कलाकारों को उतनी ही जल्दी भुला देती है जितनी जल्दी ऊंचाई देती है।

ब्रेंडन की गिरावट किसी एक वजह से नहीं हुई; उसके पीछे एक पूरा तूफान था। कई खतरनाक एक्शन सीन्स खुद करने की उनकी जिद ने उनके शरीर को बुरी तरह तोड़ दिया। लगातार हुई कई सर्जरी, दर्द और ऑपरेशनों ने उन्हें लंबे समय तक काम करने लायक नहीं छोड़ा। निजी जिंदगी में तलाक, आर्थिक दबाव और उससे भी अधिक एक निजी आरोप पर आवाज उठाना—ये सब उन्हें मानसिक रूप से थका देने वाले साबित हुए। हॉलीवुड का रवैया उनके लिए बदल गया; स्टूडियो जो कभी उनके लिए कतार में खड़े थे, अब जोखिम उठाने से डरने लगे। यह वही दौर था जिसे गोल्डमैन ने पुस्तक में “साइलेंट एग्जाइल” कहा है—जब सितारा होते हुए भी इंडस्ट्री आपको अदृश्य कर देती है।

लेकिन फ्रेजर की कहानी की खूबसूरती यही है कि उन्होंने इस अंधेरे को स्थायी नहीं टिकने दिया। कई साल की खामोशी, अकेली लड़ाई और खुद को फिर से जोड़ने की कोशिशों के बाद उन्होंने छोटे प्रोजेक्ट्स से वापसी शुरू की। दर्शक उन्हें फिर पहचानने लगे—उनकी विनम्रता, उनकी सादगी और उनकी सच्चाई आज भी उतनी ही चमकती थी।

और फिर आया ‘द व्हेल’। इस फिल्म में उन्होंने सिर्फ अभिनय नहीं किया, बल्कि अपनी आत्मा उकेर दी। यह वह भूमिका थी जिसने दुनिया को दिखाया कि कलाकार कभी गायब नहीं होता—बस सही कहानी उसका इंतजार करती है। फिल्म पर काम करते हुए उन्होंने कई इंटरव्यू में स्वीकार किया कि उनके किरदार की टूटन और उनका अपना दर्द कहीं न कहीं एक-दूसरे को पहचानते थे।

जब 2023 में ऑस्कर मंच पर उनका नाम पुकारा गया, तो पूरा हॉल जिस तरह खड़ा हो गया, वह किसी सामान्य जीत की तालियां नहीं थीं; वह एक इंसान की जीत, उसकी सहनशीलता की जीत और उसकी सच्चाई की जीत थी। यह वह क्षण था जो “एडवेंचर्स इन द स्क्रीन ट्रेड” की उस लाइन को दोहराता था कि—“इंडस्ट्री याद दिलाती है, प्रतिभा कभी खत्म नहीं होती; मौका खत्म होता है। और मौका वापस आ सकता है।”

ब्रेंडन फ्रेजर की कहानी अनोखी इसलिए है क्योंकि यह सिर्फ एक कलाकार की कमबैक कहानी नहीं है बल्कि उन सभी के लिए उम्मीद की कहानी है जो कभी गिर चुके हैं, टूट चुके हैं, भुला दिए गए हैं। यह एक ऐसी कहानी है जो बताती है कि कभी-कभी बड़े किरदार स्क्रीन पर नहीं, जिंदगी में निभाए जाते हैं, और यही उन्हें 3 दिसंबर को जन्मे सबसे अद्वितीय हॉलीवुड सितारों में शामिल करता है।

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