लखनऊ, 3 सितंबर । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बड़े स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है। इसी क्रम में, कई वरिष्ठ नेताओं ने जम्मू कश्मीर में डेरा डाल दिया है, ताकि वे चुनाव प्रचार और तैयारियों को मजबूती से आगे बढ़ा सकें।
पूर्व सांसद एवं जम्मू-कश्मीर के समन्वयक राजाराम ने बताया कि बसपा का संगठन यहां बहुत पहले से है। जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने 2002 में एक सीट और 1996 में 4 सीट पर सफलता हासिल कर चुकी है। बसपा जम्मू रीजन की ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ेगी। क्योंकि, यहां पर अनुसूचित समाज और पिछड़ा वर्ग का वोट बैंक है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश में चुनाव की तैयारी चल रही है, प्रचार कैसे होगा, क्या रणनीति होगी, इस पर चर्चा जारी है। मुस्लिम गुर्जर की संख्या ज्यादा होने के कारण भी पार्टी जम्मू रीजन की सीट पर ज्यादा फोकस कर रही है। यहां पर लगभग हर विधानसभा में हमारी कमेटी है। अब हम सेक्टर तक पहुंच चुके है। जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष दर्शन राणा ने बताया कि हमारी पार्टी कुल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, यह जल्द तय हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा किसी दल से कोई समझौता नहीं हुआ है। हम अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे। हम लोगों ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, हमें यहां सफलता भी मिलेगी, क्योंकि बसपा इस समय तेजी से लोगों की आवाज बन रही है। बसपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक में घोषणा की थी पार्टी हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही हमारी पार्टी यूपी में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी।
चुनाव की घोषणा के बाद बसपा मुखिया मायावती ने कहा था, “लोकतंत्र में चुनाव की अहम भूमिका जिससे बहुत सारी समस्याओं का समाधान संभव। अतः लम्बे इंतज़ार के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा आम चुनाव के लिए तिथि की घोषणा का स्वागत, ताकि वहां संविधान के हिसाब से राजनीति व लोकतांत्रिक गतिविधियां जड़ पकड़ सके। बीएसपी यह चुनाव अकेले लड़ेगी।”
ज्ञात हो कि साल 2019 में अनुच्छेद-370 को समाप्त किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है।
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