भोपाल, 7 अगस्त। मध्य प्रदेश के रीवा और सागर जिले में हुए हादसों के बाद जर्जर और कमजोर इमारतों को चिन्हित किया जा रहा है। इस बीच बुलडोजर से
इमारतों को जमींदोज किए जाने की कार्रवाई जारी है। बीते दो दिनों में 12 से ज्यादा इमारतों को ढहा दिया गया है।
जर्जर इमारतों को खाली कराया जा रहा है और सील करने की कार्रवाई भी जारी है। हाल ही के दिनों में रीवा में स्कूली दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद सागर जिले के शाहपुर में शिवलिंग का निर्माण कर रहे बच्चों पर दीवार गिरने से नौ की मौत हुई थी।
इन दो हादसों के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जर्जर इमारतों के खिलाफ मुहिम चलाने के निर्देश दिए थे। तब से ही पूरे राज्य में सरकारी और निजी जर्जर इमारतों का पता लगाने के लिए सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान जो खस्ता हाल इमारतें सामने आ रही हैं, उन पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
जबलपुर में जिलाधिकारी दीपक सक्सेना के निर्देश पर किसी भी हादसे को रोकने के मकसद से खतरनाक और जर्जर भवनों से लेकर दीवार, बाउंड्रीवाल आदि गिराए जा रहे हैं। इसी क्रम में यहां की पुरानी और फिल्म स्टार प्रेमनाथ से नाता रखने वाले एंपायर टॉकीज को भी गिरा दिया गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, टॉकीज की इमारत जर्जर हो चुकी थी और हादसे की आशंका के चलते बुलडोजर से इमारत को गिराया गया है। इसी तरह रीवा जिले में जर्जर 24 मकान चिन्हित किए गए हैं। इनमें से बिछिया थाना क्षेत्र और वार्ड छह में स्थित जर्जर मकानों को ध्वस्त किया गया है।
बुरहानपुर जिले में भी चार मकानों के हिस्सों को गिराया गया है। रतलाम जिले में एक दर्जन मकानों के मालिकों को मकान खाली करने की सलाह दी गई है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, राज्य में बड़ी तादाद में ऐसी इमारतें सामने आई हैं जिनमें बारिश का पानी छतों से रिस रहा है।
पुरानी इमारतें गिरने की कगार पर हैं। सरकारी इमारतों में चल रहे स्कूल या दफ्तरों को दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाने की सलाह दी गई है। वहीं निजी मकान में रहने वाले लोगों को दूसरे स्थान पर जाने को कहा जा रहा है।
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