अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गगनदीप मित्तल ने हांसी के व्यापारी राम मेहर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी ने एक मजदूर रामलू की हत्या कर दी थी और फिर बीमा राशि का दावा करने के इरादे से अपनी मौत का झूठा मामला बनाने के लिए उसकी लाश को अपनी कार में आग लगा दी थी।
अदालत ने उन्हें रामलू के परिवार को मुआवजा देने का भी आदेश दिया, जिसका निर्धारण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) द्वारा किया जाएगा। आपराधिक षडयंत्र के आरोप में दो महिलाओं, रानी और सुनीता को पहले ही जेल में सजा काटनी पड़ी थी, जबकि तीसरी महिला को बरी कर दिया गया था।
यह घटना 6 अक्टूबर 2020 को हुई, जब मेहर ने 1.41 करोड़ रुपये की बीमा राशि का दावा करने के लिए अपनी खुद की मौत का नाटक रचा। उसने रामलू को डाटा गांव से उठाया और कार पर अपने साथ ले गया।
शराब पिलाने के बाद उसने रमलू की हत्या कर दी और फिर हांसी के पास महजत-भाटला रोड पर कार में आग लगा दी। पुलिस ने कार के अंदर से पूरी तरह जला हुआ शव बरामद किया।
जांच के दौरान पुलिस को घटना पर संदेह हुआ। आगे की जांच में पता चला कि मेहर जिंदा है और उसने बीमा राशि का दावा करने के लिए हत्या की साजिश रची थी। उसे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया गया।
मेहर कथित तौर पर कर्ज में डूबा हुआ था और उसने 1.41 करोड़ रुपये की बीमा राशि का दावा करने के लिए यह साजिश रची थी। उस पर बैंकों और निजी ऋणदाताओं का करीब 1.5 करोड़ रुपये बकाया था।