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खरीदारों को संपत्ति पंजीकरण विलेख नहीं मिला, तहसीलदार से स्पष्टीकरण मांगा गया

Buyers did not receive property registration deed, clarification sought from Tehsildar

सार्वजनिक सेवा प्रदान करने में एक बड़ी कमी यह प्रतीत होती है कि राज्य के विभिन्न भागों में तहसील कार्यालयों में पंजीकरण के कई दिनों बाद भी संपत्ति खरीदने वालों को पंजीकरण दस्तावेज नहीं दिए जाते हैं।

यह खुलासा अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस)-सह-वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) अनुराग वर्मा द्वारा की गई रैंडम जांच में हुआ है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव-सह-एफसीआर ने लुधियाना और अमृतसर के डिप्टी कमिश्नरों को संबंधित सब-रजिस्ट्रारों (तहसीलदारों) से स्पष्टीकरण मांगने और पांच कार्य दिवसों के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा है।

वर्मा ने मंगलवार को फोन पर ट्रिब्यून को बताया कि कुछ खरीददारों को अचानक फोन किया गया, जिन्होंने सब-रजिस्ट्रार अमृतसर-1, लुधियाना पूर्व और लुधियाना पश्चिम के समक्ष अपनी संपत्ति की बिक्री विलेख पंजीकृत करवाए थे, तथा उनसे पता चला कि कई मामलों में 24 जनवरी को पंजीकृत संपत्ति की बिक्री विलेखों की प्रतियां अभी तक खरीददारों को नहीं सौंपी गई हैं।

उन्होंने लुधियाना और अमृतसर के डीसी को भेजे ज्ञापन में लिखा, ‘‘यह एक गंभीर मामला है और इसमें संबंधित सब-रजिस्ट्रारों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।’’

वर्मा ने राज्य के सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक (तहसील) कार्यालयों में पंजीकृत दस्तावेज पंजीकरण के तुरंत बाद खरीदारों को सौंप दिए जाएं।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देश पर हम राज्य भर के तहसील कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई विभिन्न सेवाओं और सुविधाओं की आकस्मिक जांच कर रहे हैं, ताकि सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में जवाबदेही, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम आदमी को इन कार्यालयों में आने पर किसी कठिनाई या शोषण का सामना न करना पड़े।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सेवाओं की आपूर्ति के दौरान किसी भी प्रकार की चूक या जनता को होने वाली असुविधा के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है।

हाल ही में वर्मा ने पाया था कि पंजाब के तहसील कार्यालयों में 98 प्रतिशत सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं, जिसके लिए उन्होंने डीसी को 31 जनवरी तक उन्हें चालू करने का निर्देश दिया था।

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