महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की ओर से शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर उनसे मुलाकात करने पर प्रदेश की सियासत एक बार फिर तेज हो गई है।
शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि बीएमसी चुनाव तक साफ हो पाएगा कि दोनों की मुलाकात के क्या मायने हैं।
रविवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी तर्क दिया कि वे दोनों भाई हैं; अब कई वर्षों के बाद मिले हैं, तो स्वाभाविक है कई बार मिलेंगे। उनकी मुलाकात पर इतनी चर्चा का कोई मतलब नहीं क्योंकि यह न तो राष्ट्रीय और न ही महाराष्ट्र स्तर का विषय है।
दोनों भाइयों के साथ आने पर उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को हमने देखा कि एक मंच पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आए। राज ठाकरे के लिए उस दिन मराठी भाषा मुद्दा था। वहीं, उद्धव ठाकरे के लिए बीएमसी चुनाव मुद्दा था। अभी तक राज ठाकरे ने संकेत नहीं दिया है कि वह साथ जाएंगे। भविष्य में कब क्या होगा, किसी को कुछ भी पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में वक्त है; धीरे-धीरे सारी तस्वीर साफ हो जाएगी कि कौन किसके साथ जा रहा है। मैं बीएमसी चुनाव के लिए एक बात स्पष्ट कर दूं कि महायुति में शामिल तीनों राजनीतिक दल साथ में चुनाव लड़ने वाले हैं।
एकनाथ शिंदे की महायुति में अनबन की खबरों को उन्होंने अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि यहां सबकुछ ठीक है।
मराठी भाषा पर उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोगों के लिए यह मुद्दा राजनीतिक स्टंट होगा, लेकिन हमने कभी इसे राजनीतिक स्टंट नहीं माना है। हमारे नेता ने तो मराठी भाषा को महाराष्ट्र में राज्य भाषा का दर्जा दिलाने की वकालत की।
वहीं, एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच पर उन्होंने कहा कि अभी यह देखना होगा कि दोनों टीमों के बीच मैच कहां पर आयोजित किया जा रहा है। वक्त आने पर इस पर भी चर्चा होगी।
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