नई दिल्ली, 22 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को चीनी सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 8 प्रतिशत बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी।
सीसीईए की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, संशोधित कीमतें 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगी।
गन्ने की ए2+एफएल लागत से 107 प्रतिशत अधिक पर नया एफआरपी गन्ना किसानों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करेगा।
बयान में कहा गया है कि भारत पहले से ही दुनिया में गन्ने के लिए सबसे अधिक कीमत चुका रहा है और इसके बावजूद सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को दुनिया की सबसे सस्ती चीनी की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।
“केंद्र सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य व्यक्तियों को लाभ होने वाला है। यह किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ‘मोदी की गारंटी’ की पूर्ति की फिर से पुष्टि करता है।”
इस मंजूरी के साथ चीनी मिलें 10.25 प्रतिशत की रिकवरी पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करेंगी। वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किसानों को 3.32 रुपये की अतिरिक्त कीमत मिलेगी, जबकि वसूली में 0.1 प्रतिशत की कमी पर समान राशि की कटौती की जाएगी।
हालांकि, गन्ने का न्यूनतम मूल्य 315.10 रुपये/क्विंटल है जो 9.5 प्रतिशत की रिकवरी पर है। भले ही चीनी की रिकवरी कम हो, किसानों को 315.10 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी सुनिश्चित किया जाता है।