नई दिल्ली, 25 अक्टूबर । केंद्रीय कैबिनेट ने जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय के बीच सहयोग ज्ञापन (एमओसी) को मंजूरी दे दी है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में ये बात कही गई।
एमओसी पर इस साल जुलाई में हस्ताक्षर किए गए थे। यह उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की प्रगति के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व को पहचानते हुए इसकी आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने की दिशा में भारत और जापान के बीच सहयोग को मजबूत करने के इरादे से पांच साल तक लागू रहेगा।
मजबूत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को आगे बढ़ाने और पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के अवसरों पर जी2जी और बी2बी दोनों सहयोग पर जोर दिया जाएगा।
एमओसी में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सहयोग की परिकल्पना की गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए मंत्रालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है। भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए कार्यक्रम एक मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ईकोसिस्टम के विकास को सुनिश्चित करने के मकसद से शुरू किया गया था।
मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।
भारतीय कंपनियों के बीच सेमीकंडक्टर संबंधी व्यापार के अवसरों को बढ़ाने के लिए यह एक और कदम है।
दोनों देशों के बीच तालमेल और पूरकता को देखते हुए, अक्टूबर 2018 में पीएम मोदी की जापान यात्रा के दौरान “भारत-जापान डिजिटल पार्टनरशिप” लॉन्च की गई थी।
जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर यह एमओसी इलेक्ट्रॉनिक्स ईकोसिस्टमके क्षेत्र में सहयोग को और व्यापक और गहरा करेगा।
Leave feedback about this