August 19, 2025
National

कैबिनेट ने ओडिशा में 8,307 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 6-लेन कैपिटल रीजन रिंग रोड के निर्माण को दी मंजूरी

Cabinet approves construction of 6-lane Capital Region Ring Road in Odisha at a cost of over Rs 8,307 crore

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मंगलवार को ओडिशा में हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर 6-लेन, एक्सेस-कंट्रोल कैपिटल रीजन रिंग रोड (110.875 किलोमीटर लंबाई में भुवनेश्वर बाईपास) के निर्माण को मंजूरी दे दी, जिसकी कुल लागत 8,307.74 करोड़ रुपए है।

यह परियोजना तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच-55, एनएच-57, एनएच-655) और एक राज्य राजमार्ग (एसएच-65) को जोड़ती है, जिससे ओडिशा के प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स केंद्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी मिलती है।

यह परियोजना लगभग 74.43 लाख पर्सन-डे प्रत्यक्ष और 93.04 लाख पर्सन-डे अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी और आसपास के क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, अपग्रेडेड कॉरिडोर 10 आर्थिक केंद्रों, 4 सामाजिक केंद्रों और 5 लॉजिस्टिक्स केंद्रों से जुड़कर मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन को बढ़ाएगा, जिससे 1 प्रमुख रेलवे स्टेशन, 1 हवाई अड्डा, 1 प्रस्तावित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) और 2 प्रमुख बंदरगाहों के साथ उन्नत मल्टीमॉडेलिटी प्रदान होगी, जिससे पूरे क्षेत्र में वस्तुओं और यात्रियों की तेज आवाजाही संभव होगी।

वर्तमान में, मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामेश्वर से तांगी के बीच संपर्क अत्यधिक शहरीकृत शहरों खोरधा, भुवनेश्वर और कटक से होकर गुजरने वाले उच्च यातायात के कारण काफी भीड़भाड़ का अनुभव करता है।

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, इस परियोजना को 6-लेन प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राजमार्ग के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है।

यह परियोजना कटक, भुवनेश्वर और खोरधा शहरों से भारी वाणिज्यिक यातायात को हटाकर ओडिशा और अन्य पूर्वी राज्यों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगी। इससे माल ढुलाई की दक्षता बढ़ेगी, लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

मंत्रिमंडल के अनुसार, “पूरा होने पर, यह बाईपास क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्रों के बीच संपर्क को मजबूत करेगा और व्यापार एवं औद्योगिक विकास के नए रास्ते खोलेगा।”

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