नई दिल्ली, 18 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गुरुवार को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के उसकी सहायक कंपनियों के माध्यम से दो पिटहेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के दो प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इनकी कुल लागत 21,547 करोड़ रुपये होगी।
दोनों थर्मल पावर प्लांट लगाने वाली सीआईएल की सहायक कंपनियां साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) हैं।
सीसीईए ने एसईसीएल, एमसीएल और सीआईएल द्वारा इक्विटी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
एसईसीएल राज्य सरकार के स्वामित्व वाली मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एमपीपीजीसीएल) के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से 660 मेगावाट की एक इकाई वाला थर्मल पावर प्लांट स्थापित करेगा, जबकि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने अपनी सहायक कंपनी महानदी बेसिन पावर लिमिटेड (एमबीपीएल) के माध्यम से 800 मेगावाट की दो इकाई वाल थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
एसईसीएल प्रस्ताव में एसईसीएल द्वारा 823 करोड़ रुपये (20 प्रतिशत कम या ज्यादा) की इक्विटी पूंजी शामिल है, जिसमें मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में प्रस्तावित 660 मेगावाट सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट के लिए 5,600 करोड़ रुपये के अनुमानित परियोजना पूंजीगत व्यय के साथ संयुक्त उद्यम कंपनी में 70 अनुपात 30 के ऋण-इक्विटी अनुपात और 49 प्रतिशत इक्विटी निवेश पर विचार किया गया है।
एमसीएल के प्रस्ताव में ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में प्रस्तावित 2 गुणा 800 मेगावाट सुपर-क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट के लिए एमसीएल द्वारा एमबीपीएल के माध्यम से 4,784 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी शामिल है, जिसका अनुमानित परियोजना पूँजी निवेश 15,947 करोड़ रुपये है।