शिमला, 9 अगस्त बादल फटने से प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता और सहानुभूति व्यक्त करते हुए मंत्रिमंडल ने आज उन लोगों को वित्तीय सहायता देने को मंजूरी दे दी, जिन्होंने इस प्राकृतिक आपदा में अपने प्रियजनों और घरों को खो दिया है तथा भारी नुकसान उठाया है।
सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उन लोगों को किराये के रूप में क्रमशः 10,000 रुपये और 5,000 रुपये प्रति माह देगी जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
इसके अलावा, 1 अगस्त से 31 अक्टूबर तक तीन महीने के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी रिफिल, बर्तन और बिस्तर उपलब्ध कराए जाएंगे। बादल फटने से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय राहत वितरित की जाएगी। आईजीएमसी व अन्य अस्पतालों में पद भरे जाएंगे
आईजीएमसी शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा में विभिन्न श्रेणियों के 489 पद स्वीकृत किए गए, जबकि डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, कांगड़ा में 462 पदों को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने राज्य परिवहन नीति 2014 के तहत 60:40 की शर्त में ढील देते हुए राज्य में 168 मार्गों को निजी ऑपरेटरों को पुनः आवंटित करने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक पांच घंटे से अधिक समय तक चली और 36 एजेंडा पर चर्चा की गई। मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें क्रमशः 10,000 रुपये और 5,000 रुपये प्रति माह किराए के रूप में देने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, 1 अगस्त से 31 अक्टूबर तक तीन महीने की अवधि के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी रिफिल, बर्तन और बिस्तर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, बादल फटने से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता वितरित की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने पुलिस कांस्टेबलों के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के दायरे में लाने को मंजूरी दे दी है। यह कदम निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योग्य उम्मीदवारों का चयन हो और परीक्षा प्रणाली पूरी तरह से सुरक्षित हो और पेपर लीक न हो, जैसा कि हाल के दिनों में हुआ है।
कैबिनेट ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी), शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों और कांगड़ा के डॉ राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज, टांडा में 462 पदों को मंजूरी दी। इसमें नर्सों के 400 पद, विशेषज्ञ डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के पद शामिल होंगे।
मंत्रिमण्डल ने राज्य परिवहन नीति 2014 के अन्तर्गत 60:40 की शर्त में छूट देने को मंजूरी दे दी है, ताकि राज्य में 168 रूट निजी ऑपरेटरों को पुनः आवंटित किए जा सकें। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रिमंडल ने रसायन मुक्त उत्पादन के उत्पादन और प्रमाणीकरण के लिए क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए हिम-उन्नति योजना को लागू करने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य 50,000 किसानों को शामिल करते हुए 2,600 कृषि समूह स्थापित करना है। इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक खेती के गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने की योजना है।
मंत्रिमंडल ने कचरा प्रबंधन गतिविधियों की निगरानी के लिए शहरी विकास निदेशालय में पर्यावरण प्रकोष्ठ बनाने को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने अभियोजन विभाग में सहायक जिला अटॉर्नी के 12 पदों को सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया।
कैबिनेट ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग को दो अलग-अलग विंग में पुनर्गठित करने के लिए व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांतों को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य परिचालन को सुव्यवस्थित करना, दक्षता बढ़ाना और राजस्व को बढ़ावा देना है। नए प्रावधानों के तहत, सहायक आबकारी अधिकारियों और आबकारी एवं कराधान निरीक्षकों को अपने संबंधित विंग में कम से कम तीन साल की सेवा करनी होगी।
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