November 18, 2024
Haryana

सीएजी रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा: हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासन के दौरान घोटालों की झड़ी लग गई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हुड्डा ने कहा कि सरकार ने न केवल जनता के करोड़ों रुपये लूटे हैं, बल्कि लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया है।

हुड्डा ने आरोप लगाया कि कैग रिपोर्ट ने भाजपा के घोटालों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टर उपलब्ध कराने की बजाय सरकार करोड़ों रुपये के घोटाले में लगी हुई है।

उन्होंने आरोप लगाया, “रिपोर्ट से पता चला है कि कई एंबुलेंस ने 42 से 209 किलोमीटर की दूरी तय करके 1,05,000 से 5 लाख रुपये तक का किराया लिया। एंबुलेंस ने 2,500 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से अपनी सेवाएं दीं। इतना ही नहीं, एंबुलेंस द्वारा मरीजों तक पहुंचने में लगने वाले समय में भी काफी हेराफेरी की गई है।”

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से भी दवाइयां और उपकरण खरीदे। सरकार ने 15 ऐसी एजेंसियों को 5.67 करोड़ रुपये का भुगतान किया जिनकी दवाएं कई बार घटिया साबित हो चुकी हैं।

हुड्डा ने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। यही कारण है कि आज प्रदेश में डॉक्टरों के 30 प्रतिशत और स्वास्थ्य कर्मियों के 42 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं।

उन्होंने कहा कि इस बार कैग ने भी कांग्रेस के आरोपों पर अपनी मुहर लगा दी है क्योंकि कांग्रेस ने बार-बार हरियाणा की जनता से कहा था कि भाजपा ने राज्य पर 4.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लाद दिया है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इसे नकारते रहे। उन्होंने कहा, “अब कैग की रिपोर्ट ने ही खुलासा कर दिया है कि मार्च 2023 तक राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। उसके बाद भी यह सरकार कर्ज लेती रही और आज कुल कर्ज 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।”

उन्होंने आरोप लगाया, “यह सब भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और घोटालों के कारण हुआ है। जिन योजनाओं का सारा पैसा घोटालेबाजों की जेब में चला गया, उन्हें बार-बार जनता पर थोपा गया और सरकार का राजस्व कम हुआ। इसके कारण जनता पर टैक्स और महंगाई की मार पड़ी।”

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