कोलकाता, 18 जनवरी । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा 22 जनवरी को आयोजित की जाने वाली ‘सद्भाव रैली’ को सशर्त मंजूरी दे दी, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित की जाएगी।
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर इस आधार पर रैली को स्थगित करने में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की कि इससे राज्य में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
हालांकि, गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रैली के आयोजन के लिए कुछ शर्तें लगाते हुए इस संबंध में याचिका खारिज कर दी।
पहली शर्त यह है कि रैली या अगली सभा से कोई ऐसा नारा या बयान नहीं दिया जा सकता, जिससे किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे।
साथ ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्रशासन के साथ-साथ संबंधित रैली आयोजक पक्ष को भी निर्देश दिया कि प्रस्तावित सद्भाव रैली को सामान्य यातायात आंदोलन को बाधित नहीं करना चाहिए, खासकर एम्बुलेंस की आवाजाही के संबंध में।
हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 22 जनवरी को पूरे राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों की तैनाती के लिए विपक्ष के नेता की अतिरिक्त याचिका को भी खारिज कर दिया, लेकिन राज्य के गृह सचिव और राज्य पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का निर्देश दिया कि उस दिन पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब न हो।
राज्य के सभी जिलों में इसी तरह की ‘सद्भावना रैलियां’ आयोजित करने के सत्तारूढ़ दल के प्रस्ताव पर, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस अधीक्षकों को यह जांच करने का निर्देश दिया कि क्या ऐसी जिले स्तरीय रैलियां आयोजित करने के लिए स्थानीय प्रशासन से आवश्यक अनुमति मांगी गई थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि यदि कार्यक्रम के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है तो रैली आयोजक जिम्मेदार होंगे। प्रस्तावित रैली, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी, दक्षिण कोलकाता में हाजरा क्रॉसिंग से शुरू होने वाली है और मध्य कोलकाता में पार्क सर्कस सेवन-पॉइंट क्रॉसिंग पर समाप्त होने वाली है।