कोलकाता, 5 जनवरी । कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में संवैधानिक ढांचा ढह रहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस इस मामले में कोई बयान क्यों नहीं दे रहे हैं।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह टिप्पणी तब की जब हाईकोर्ट के एक वकील ने उन्हें उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखली में तृणमूल कांग्रेस नेता शेख साजहान के आवास पर छापा मारने की कोशिश के दौरान स्थानीय गुंडों द्वारा ईडी के अधिकारियों और केंद्रीय बलों के जवानों पर हमले के बारे में अवगत कराया।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पूछा कि राज्यपाल राज्य में संवैधानिक ढांचे के पतन पर कोई बयान क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्होंने इस मामले में राज्य पुलिस की भूमिका के बारे में भी पूछताछ की।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सवाल किया, ”क्या राज्य पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे? अगर जांच अधिकारियों पर ही हमला हो तो उचित जांच कैसे हो सकती है?”
अदालत में मौजूद डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को भी न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के सवाल का सामना करना पड़ा। न्यायमूर्ति ने कहा कि आपके लोगों को पीटा गया। क्या वे हथियार नहीं रखते? क्या वे उनका उपयोग नहीं कर सकते थे? यदि आपके दो अधिकारी घायल हो गए, तो, 200 कर्मचारी भेजे।
इस तरह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ऐसी टिप्पणी करके अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहे हैं। उनकी टिप्पणियां बेहद आपत्तिजनक हैं। वह जिस कुर्सी पर बैठे हैं, उसका अपमान कर रहे हैं। उन्हें नौकरी छोड़कर राजनीति में आना चाहिए। उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा चेतावनी दी जानी चाहिए।
इस बीच, संदेशखाली में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। साजहान के फॉलोअर्स ने शुक्रवार सुबह केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में अपना विरोध जारी रखा है। वे जगह-जगह सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं।