नूरपुर, 9 जुलाई राज्य सरकार की एकीकृत नशा निवारण नीति (आईडीपीपी) को लागू करने के लिए सरकारी स्कूलों में नशे के खिलाफ अभियान शुरू करने की तैयारी है। शिक्षा विभाग ने शनिवार को इस संबंध में राज्य के सभी उच्च शिक्षा उपनिदेशकों को एक परिपत्र जारी किया।
विभाग के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने सभी संस्थानों को आईडीपीपी लागू करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्कूल अधिकारियों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वाद-विवाद, भाषण, निबंध और नारा लेखन, पेंटिंग और नशा विरोधी जागरूकता रैलियां आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। संस्थानों को स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी), ग्राम पंचायत और स्थानीय प्रशासन, भारत स्काउट और गाइड के स्वयंसेवकों और संस्थानों की एनसीसी और एनएसएस इकाइयों की भी मदद लेने का निर्देश दिया गया है।
सूचना एकत्रीकरण प्रकोष्ठ का गठन होगा सूचना एकत्र करने के लिए छात्रों और स्टाफ सदस्यों को शामिल किया जाएगा। इस सेल द्वारा परिसर में नशे के आदी लोगों, नशा बेचने वालों और छात्रों के संदिग्ध व्यवहार तथा स्कूल परिसर के आसपास संदिग्ध तत्वों की आवाजाही से संबंधित जानकारी एकत्र की जाएगी। यह जानकारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ साझा की जाएगी। – अमरजीत शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक, शिमला
विभाग ने कहा कि स्कूल प्रशासन को नशा विरोधी दस्ते बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिनका नेतृत्व स्कूल के प्रिंसिपल करेंगे। दस्ते में दो-तीन स्टाफ सदस्य, छात्र, एसएमसी के सदस्य, पंचायत या उनके क्षेत्र के संबंधित व्यक्ति शामिल हो सकते हैं।
शिमला के उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा कि स्कूल प्रशासन को सूचना एकत्र करने के लिए एक सेल बनाने का निर्देश दिया गया है। “छात्रों और स्टाफ सदस्यों को इस उद्देश्य के लिए शामिल किया जाएगा। इस सेल द्वारा परिसर में नशे की लत, तस्करों और छात्रों के संदिग्ध व्यवहार के साथ-साथ स्कूल परिसर के आसपास संदिग्ध तत्वों की आवाजाही से संबंधित जानकारी जुटाई जाएगी। यह जानकारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ साझा की जाएगी।”