May 15, 2025
Haryana

नशे के खिलाफ मुहिम : माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की चढ़ाई पर निकले पंचकूला के दो नन्हे बच्चे, सीएम सैनी से की मुलाकात

Campaign against drug addiction: Two young children from Panchkula set out to climb Mount Everest Base Camp, met CM Saini

हरियाणा में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को एक नई दिशा देते हुए पंचकूला के दो छोटे बच्चे, आर्यन और एनाया, राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलने राजधानी चंडीगढ़ पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इन दोनों बच्चों की साहसिक पहल की सराहना करते हुए उन्हें प्रदेश में नशे के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बताया। आर्यन और एनाया भाई-बहन हैं। दोनों माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक की कठिन चढ़ाई कर नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संकल्प लेकर निकले हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संत कबीर कुटीर में इन दोनों बच्चों से मुलाकात की और उनकी इस मुहिम को समर्थन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि हरियाणा का बच्चा, जवान और बुजुर्ग अब नशे के खिलाफ एकजुट होकर काम कर रहा है, जो एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि इतनी छोटी उम्र में आर्यन और एनाया जैसे बच्चे समाज के लिए सोच रहे हैं और ऐसा प्रेरणादायक कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मुलाकात की जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा की।

उन्होंने लिखा, “नशे को खत्म करने के लिए हरियाणा के बच्चे-बुजुर्ग व जवान एक जुट हो गए हैं, यह बड़ी ख़ुशी की बात है। आज संत कबीर कुटीर पर पंचकूला के दो नन्हे बच्चे आर्यन और एनाया मिलने आए, ये दोनों भाई-बहन नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक कठिन चढ़ाई करने जा रहे हैं।”

बता दें कि इससे पहले 25 अप्रैल को जींद में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के लिए ‘साइक्लोथॉन 2.0 ड्रग फ्री हरियाणा यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस मौके पर हजारों युवा और आम लोग शामिल हुए थे। यह यात्रा पूरे राज्य में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और हरियाणा को ड्रग फ्री बनाने के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए निकाली गई थी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साइक्लोथॉन के उद्घाटन समारोह में कहा था कि नशा समाज के लिए अभिशाप है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करें। साइक्लोथॉन जैसे आयोजन नशे के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक हैं और इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

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