ओटावा, कनाडा ने राजनीतिक हस्तक्षेप और धमकी के आरोपों को लेकर चीन के राजदूत कांग पीवू को समन किया है। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गुरुवार को विपक्षी सांसद माइकल चोंग के साथ ओटावा में तीखी बहस के दौरान इस खबर का खुलासा किया। चोंग अब चीन के खिलाफ आरोपों के केंद्र में है।
चोंग को कथित तौर पर बीजिंग द्वारा उत्पीड़न के लिए निशाना बनाया गया था और उन्होंने प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो की सरकार की सुस्त प्रतिक्रिया की जमकर आलोचना की।
जोली ने विदेशी मामलों की समिति के एक सत्र के दौरान सांसदों से यह भी कहा कि कनाडा चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है और राजनयिक निष्कासन सहित सभी विकल्प मौजूद हैं।
हालाँकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कनाडा की सरकार चीन द्वारा प्रतिशोध की संभावना पर भी ध्यान दे रही है जो कनाडा के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप से इनकार करता है।
कनाडा की एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, जो पहली बार ग्लोब एंड मेल अखबार में सामने आई थी, कनाडा के कंजर्वेटिव राजनेता चोंग को चीनी सरकार द्वारा संसद में उनके द्वारा 2021 में पेश उस प्रस्ताव के बाद निशाना बनाया गया था, जिसमें बीजिंग द्वारा जातीय उइगर अल्पसंख्यक आबादी के साथ किए गए व्यवहार को नरसंहार घोषित करने का प्रस्ताव था।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने आरोपों का खंडन किया है और प्रतिक्रिया स्वरूप चोंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
द ग्लोब एंड मेल की सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ने हांगकांग में चोंग के संभावित रिश्तेदारों के बारे में जानकारी मांगी थी ताकि वे सांसद की एक मिसाल बना सकें ताकि कोई और चीन के खिलाफ न जा सके।
बीबीसी को दिए एक बयान में चीन के विदेश दूतावास ने कहा कि चीनी राजनयिकों को निष्कासित करने के खतरे के बारे में कनाडाई अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान राजदूत ने तीव्र विरोध जताया।
दूतावास ने आरोपों को स्व-निर्देशित राजनीतिक तमाशा बताते हुए कहा, चीन ने हमेशा अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत का पालन किया है।
इस बीच, प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा है कि उन्हें ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के बाद ही इस मुद्दे के बारे में पता चला।